तनाव से बचाव के लिए योग की अत्यंत आवश्यकता: प्रो. लखनपाल
तनाव से बचाव के लिए योग की अत्यंत आवश्यकता: प्रो. लखनपाल
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। रघुनाथ गर्ल्स पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के संस्कृत विभाग द्वारा प्राचार्या प्रोफेसर निवेदिता मलिक के संरक्षण में संस्कृत साहित्य परिषद् के तत्त्वावधान में द्विदिवसीय योग कार्यशाला के दूसरे दिन योग प्रशिक्षक के रूप में सीसीएसयू संस्कृत विभाग के शिक्षक डॉ. राजवीर आर्य एवं योगविज्ञान विभाग की शिक्षिका ईशा पटेल ने आसनों का पुनराभ्यास कराया।
उससे पूर्व प्रो. पूनम लखनपाल ने हठयोग के नामकरण को स्पष्ट किया। पञ्चप्राणवायु, इड़ा पिंगला सुषुम्ना नाड़ी का परिचय देते हुए साधकों द्वारा हठयोग से कुण्डलिनी जागरण के विषय में बताया। आज कार्यों और भागदौड़ के कारण उत्पन्न तनाव से बचाव के लिए तथा नीरोग और स्वस्थ रहने के लिए योग की अत्यंत आवश्यकता है। कार्यशाला में सूर्यभेदन, उज्झायी, सीत्कारी, शीतली ,भस्त्रिका, भ्रामरी आदि कुंभक, मूर्छा, कर्म, वस्तीकर्म, त्राटक, नौली, कपालभाति, गजकरणी, विपरीतीकरण मुद्रा इत्यादि का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक दोनों रूप से दिया गया। संस्कृत की छात्राएं पाठ्यक्रम की दृष्टि से भी लाभान्वित हुईं। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में ईशा पटेल ने सभा को ध्यान का महत्त्व समझाया तथा ध्यान का अभ्यास कराया, जिसमें सभी ने आनन्द एवं हल्केपन का अनुभव किया। कार्यक्रम में डॉ. अन्जू रस्तौगी, अतिथि प्रवक्ता निशि का विशेष सहयोग रहा। मनीषा ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में अन्य कॉलेजों की शिक्षिकाएं एवं छात्राएं उपस्थित रहीं। पलक, सलोनी, दीपांशी, दीपा, इकरा, मेघा, अंशु, श्वेता, शिवानी, अंजली, कोमल, शिवानी, स्वीटी, दिव्या, मनीषा, निधि, अलका तथा शोध छात्रा भारती, अनिका इत्यादि उपस्थित रहीं।
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