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Wednesday, May 15, 2024
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कौन हैं नीम करौली बाबा, कैंची धाम में 15 जून को वर्षगांठ पर होगा विशाल भंडारे का आयोजन, पढ़िए और जानिए नीम करौली बाबा को……

नैनीताल/ कैंची धाम। उत्तराखंड में मौजूद कैंची धाम मंदिर की लोकप्रियता इतनी है कि यहां बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन करने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं। बता दें, नीम करोली महाराज को कलयुग में भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। इस जगह पर हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर भी है, वहीं परिसर में ही बाबा नीम करौली का भी मंदिर और प्रार्थना कक्ष बनाया गया है। इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 15 जून 1964 में हुई थी तब ही से 15 जून को हर साल कैंची धाम दरबार की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन यहां पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।जिसका प्रसाद पाने के लिए देश विदेश से बाबा भक्त शामिल होते हैं।

फेमस कैंची धाम आश्रम और मंदिर शिप्रा नदी के तट पर बना हुआ है। ये स्थान इतना फेमस है कि यहां एक समय मार्क जुकरबर्ग भी दर्शन करने के लिए आए थे। बल्कि एप्पल कम्पनी के संस्थापक ने भी इस जगह पर आकर मत्था टेका था। हाल ही में विराट कोहली और अनुष्का शर्मा भी कैंची धाम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। आप भी जानिए आखिर ये मंदिर और आश्रम आखिर इतना लोकप्रिय क्यों है।

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में ब्राह्मण परिवार में जन्मे लक्ष्मी नारायण शर्मा ने उत्तर प्रदेश के ही एक गांव नीम करौली में कठिन तपस्या से स्वयं सिद्धि हासिल की थी। बाबा का बचपन का नाम लक्ष्मी नारायण था और पिता दुर्गा प्रसाद था बाबा के घर वालों ने 11 वर्ष की आयु में उनकी शादी कर दी थी। बाबा बचपन से ही कठिन तपस्वी थे जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे ही बाबा का मन वैराग्यमय हो गया और उन्होंने घर त्याग दिया। परिजनों के आग्रह पर एक बार बाबा पुनः घर वापस आ गये लेकिन बाबा का मन तो वैराग्य मय हो गया था, फिर वो कैंची धाम में तपस्या में लीन हो गए। माना जाता है कि बाबा जन्म से ही संत थे, जहां भी वो जाया करते थे हमेशा यज्ञ और भंडारा किया करते थे। उन्होंने आसपास कई हनुमान मंदिर भी स्थापित किए। निर्वाण से पहले उन्होंने दो आश्रम भी बनवाए, पहला आश्रम कैंची नैनीताल में है तो दूसरा वृन्दावन (मथुरा) में है।

स्टीव जॉब्स से लेकर मार्क जुकरबर्ग तक हैं बाबा के भक्त 

बाबा के भक्तों में एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग, हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स तक भी शामिल हैं। कहा जाता हैं कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण होती हैं। एक समय एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 के बीच आध्यात्मिक यात्रा के लिए भारत आए थे। जब वह कैंची धाम आश्रम पहुंचे तब बाबा समाधि ले चुके थे। कहते हैं कि एप्पल के लोगो का आइडिया उन्हें बाबा के आश्रम से ही मिला था। कहा जाता है कि करौली बाबा को सेब बड़े पसंद थे, उस दौरान बड़े चाव से इस फल को खाया करते थे, इसी वजह से स्टीव ने अपनी कम्पनी के लोगो के लिए कटा हुआ एप्पल चुना।

जब जुकरबर्ग भी फेसबुक के बेचने पर असमंजस में थे तब स्टीव जॉब्स ने उन्हें भारत की आध्यात्मिक यात्रा पर जाने की सलाह दी। अपने एक महीने के दौरे पर जुकरबर्ग इस मंदिर में दो दिन रुके थे। यही नहीं, अपनी फिल्‍म ‘ईट, प्रे, लव’ की शूटिंग के लिए भारत आईं जूलिया रॉबर्ट भी नीम करौली बाबा की तस्वीर से इतनी प्रभावित हुई थीं कि उन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया।

वर्ल्ड कप में शानदार परफॉर्मेंस के बाद विराट ने परिवार संग हाल ही में उत्तराखंड का रुख किया। विराट और अनुष्का का उत्तराखंड से काफी पुराना नाता है, जब भी समय मिलता है इंडस्ट्री के क्यूट कपल्स धार्मिक जगहों पर भी घूमने के लिए निकल जाते हैं। जिस तरह से विराट की फॉर्म वापस आई है, उसे देखकर न केवल उनके फैंस खुश हैं, बल्कि उनका भी कॉन्फिडेंस वापस लौटा है। कहा जा रहा है कि अनुष्का ने शायद विराट की फॉर्म लौटने पर मुराद मांगी थी और पूरी होने पर कपल्स कैंची धाम मंदिर पहुंचे थे। कैंची धाम मंदिर की वास्तुकला उत्तर भारतीय शैली में बनाई गई है। कैंची धाम उत्तराखंड में मौजूद नैनीताल-अल्मोड़ा रास्ते पर नैनीताल से करीबन 17 किमी और भवाली से 9 किमी की दूरी पर स्थित है। हर साल यहां 15 जून पर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से बाबा, श्रद्धालु आते हैं।

जब नदी के जल से बना भंडारे का प्रसाद

सुना जाता है कि एक बार कैंची धाम मंदिर में भंडारा हो रहा था और भांडारे का प्रसाद ग्रहण करने को भक्त लाईन में लगे हुए थे। उस समय घी खत्म हो गया और सभी भंडारी चिंतित हो गए। जैसे ही घी खत्म होने की भनक बाबा को लगी तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। बाबा ने प्रसाद बनाने वाले भक्तों से पास की नदी से दो कनस्तर जल लाकर कढ़ाई में डालने को कहा। भक्तों ने बाबा के कहने के अनुसार नदी से दो कनस्तर जल लाकर कढ़ाई में डाल दिया और वह जल देशी घी में परिवर्तित हो गया जिसमें गर्मा गर्म प्रसाद बनना शुरू हो गया। भंडारा समाप्ति के बाद बाबा ने दो कनस्तर देशी घी बाजार से मंगवाया और नदी में प्रवाहित कर दिया।

बाबा ने रूकवा दी थी ट्रेन

कैंची धाम के नीम करौली बाबा के किस्से किसी चमत्कार से कम नहीं है। कहा जाता है कि एक बार बाबा ट्रेन में सफर कर रहे थे लेकिन बाबा के पास टिकट नहीं था, चैकिंग के दौरान टीटी द्वारा बाबा को ट्रेन से उतार दिया। बाबा के ट्रेन से उतरते के बाद ट्रेन चलाने को सिग्नल मिला पर ट्रेन टस से मस आगे नहीं बढ़ पाई। तमाम कोशिशों के बाद जब रेल अधिकारियों को एहसास हुआ कि एक बाबा को ट्रेन से उतारा है तभी से ट्रेन नहीं चल रही है। समस्त अधिकारियों ने बाबा से माफी मांगी और पुनः ट्रेन में बैठने की विनती की, बाबा ने सभी को आशीर्वाद दिया और ट्रेन को चलाने को कहा और ट्रेन चल दी। ऐसे थे बाबा नीम करौली।

15 जून को कैंची धाम नीम करौली दरबार की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भव्य एवं महा विशाल भंडारे का आयोजन होना है। जिसका प्रसाद पाने के लिए देश विदेश से बाबा के अनुयाई नैनीताल, भवाली, कैंची धाम में आने शुरू हो गये है। सरकार द्वारा भक्तों की समस्त सुविधाओ को नजर में रखते हुए कमर कस ली गई है। सुरक्षा के मद्देनजर बाहर से भी पुलिस बल पहले से तैनात कर दिया गया है। पुलिस द्वारा यातायात व्यवस्था को लेकर बैठक कर सुचारू रूप से व्यवस्था स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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