वन विभाग ने कराया है पोस्टमार्टम, बुधवार को प्राप्त होगी रिपोर्ट
बदायूं/ म्याऊं। थाना अलापुर क्षेत्र में म्याऊं से उसावां मार्ग स्थित खेत में 20 चिड़िया मृत और 5 चिड़िया बेहोश मिलीं। ग्रामीणों ने पीपल्स फॉर एनिमल्स के अध्यक्ष और वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। जांच के दौरान पता चला कि चिड़िया के दानों में कीटनाशक मिलाकर खिलाया गया। जिससे चिड़ियों की मौत हुई है। मधुमक्खियों को खाने वजह से चिड़ियों को मारने की बात सामने आई है। वन विभाग ने चिड़ियों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। वनरक्षक की तहरीर पर दो मधुमक्खी पालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
म्याऊं से उसावां मार्ग पर एक ट्यूबवैल के पास चिड़िया टपककर जमीन पर गिरने लगीं। चिड़ियों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया। किसी ग्रामीण ने पीपल्स फॉर एनिमल्स के अध्यक्ष पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा को फोन करके सूचना दी। उन्होंने वन रेंजर अमित सोलंकी को अवगत कराया। वन रेंजर और क्षेत्रीय वन रक्षक राम सिंह शाक्य मौके पर पहुंच गए और जांच शुरू की। चिकित्सक को बुलाकर बेहोश पड़ी चिड़ियों का इलाज कराया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
आसपास के लोगों से जानकारी के मुताबिक कस्बा म्याऊं में रहने वाले चमन पाल सिंह के खेत पर गांव चितौरा निवासी दो भाई बबलू, हरवंश पुत्र राजबहादुर मधुमक्खी पालन करते हैं। मधुमक्खियां पालनें में चिड़िया परेशान करती हैं। चिड़िया मधुमक्खियों को भी खा जाती हैं। दोनों मधुमक्खी पालक कई बार चिड़ियों को मारने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कीटनाशक दवा मिलाकर खेत में दाना बिखेरा था। जिसे चिड़ियों ने खा लिया। जिसकी वजह से इंडियन रोलर बर्ड चिड़िया की मौत हो गई थी।
वन रक्षक ने थाना अलापुर पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने बबलू और हरवंश के खिलाफ पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960, जानवर की हत्या करने, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार को वन विभाग को सौंपी जाएगी।