क्वीनमेरी अस्पताल परिसर में मरीजों के छूट रहे पसीने, अस्पताल की लापरवाही उजागर
परिसर में गर्भवती महिलाओं के लिए धक्का मुक्की का है माहौल
लखनऊ। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतरीन तरीक़े से मरीजों तक पहुंचाना सिर्फ कागजी दावा, अधिंकाश सरकारी अस्पतालों में भीड़ को लेकर रोगी व तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक जहाँ स्वास्थ्य विभाग को अच्छे से भी अच्छा बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं वहीं विभाग के जिम्मदार उपमुख्यमंत्री की पहल एवं दिशा निर्देशों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं।अच्छे इलाज के लिए जहाँ गर्भवती महिलाएं सरकारी अस्पताल में इलाज की आश लेकर आती हैं। तो वहीं उन महिलाओं को अफरातफरी के माहौल का सामना भी करना पड़ता है।
ऐसा ही दृश्य क्वीनमेरी अस्पताल परिसर में दिखाई पड़ा जहाँ विभागीय इंतजाम के नाम पर महज दिखावा था। क्वीनमेरी अस्पताल में चिकित्सक सलाह व इलाज हेतु गर्भवती महिलाओं की संख्या अधिक होती है। कैमरे में कैद तस्वीरों के मुताबिक अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार जहाँ लोहे का चैनल लगा हुआ है जो सिर्फ थोड़ा खोला जाता है और तो और इतनी अफरातफरी और धक्का मुक्की रहती है कि किसी भी गर्भवती महिला के लिए जान जोखिम में होने जैसा प्रतीत होता है।
गेट के बाहर प्राइवेट सुरक्षाकर्मी रहते हैं जो सिर्फ अपना फर्ज अदायगी करते हैं। वहीं आकस्मिक चिकित्सा के लिए आए मरीजों के लिए तो स्वास्थ्य सुरक्षा भगवान भरोसे है। सवाल यह उठता है कि अच्छी स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था में स्वास्थ्य पर ही संकट मंडरा रहा तो आगे क्या होगा। यह तो तस्वीर से साफ पता चलता है।की लाचार व्यवस्था के चलते मरीज घंटों लाइन में लगे रहते हैं, जो यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था बेपटरी है।
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