फर्जी यूनिट लगाकर राशन विक्रेता कर रहे हैं घोटाला!
-शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्यवाही, हर माह होती है कालाबाजारी
राहुल गौतम
लोकतंत्र भास्कर, मेरठ। पब्लिक द्वारा कई कई बार जन सेवा केंद्र से राशन कार्ड फॉर्म भरवाते हैं, लगभग एक साल से मेरठ की जनता का बुरा हाल है। एक व्यक्ति लगभग तीन से चार बार फॉर्म भरकर अपने एरिया में जमा करता है, जिसमें व्यक्ति शपथ पत्र साथ में लगाकर लगभग एक फॉर्म का कुल खर्च 300 रुपये आता है और राशन कार्ड नहीं बनता।
हालांकि, पूर्ति निरीक्षक द्वारा चस्पा किया गया है कि टारगेट पूरा होने के कारण राशन कार्ड नहीं बन रहे, वहीं दूसरी और एरिया थर्ड में इतने फर्जी कार्ड की यूनिट लगी हुई है कि डीलर मस्त और पूर्ति निरीक्षक मेहरबान है। रिठानी और साबुन गोदाम में सबसे ज्यादा अपात्र और फर्जी यूनिट राशन कार्ड बने हुए हैं। पूर्व में पूर्ति निरीक्षक द्वारा डीलर पर काफी मेहरबानी बनी हुई थी। अब एरिया पूर्ति निरीक्षक कार्यवाही करने में असमर्थ है। 2 वर्ष पूर्व राज्य मंत्री का कार्ड लगा हुआ था, राशन डीलर आंचल निमेष की शिकायत को भी दबा रखा है। राशन की कालाबाजारी में शामिल विक्रेता पर इतनी मेहरबानी बनी हुई है कि पूर्ति निरीक्षक की तरफ से एफआईआर में बताया गया है कि 19 फरवरी भगतपुरा में बबीता जिंदल की दुकान से कुछ दूरी पर 1:50 पर 1.54 कुंतल चावल के साथ पकड़ा, जिसमें तीन कट्टे भरे हुए थे, मौके से बरामद चावल बबीता जिंदल की सुपुर्द की में दे दिए गए। आरोप है कि पूर्ति निरीक्षक की टीम चावल खरीद रही थी, युवाओं को सेटिंग कर मौके से छोड़ दिया, जबकि फिर दर्शाया गया है कि कागजी कार्यवाही पूरी करते समय तीनों युवक भीड़ के बीच से फरार हो गए।
बाबू की राशन विक्रेताओं पर मेहरबानी
पूर्ति विभाग में एक बाबू को लगभग काफी समय हो चुका है, उनके हाथ में राशन कार्ड अनुमोदन का कार्यभार सौंपा हुआ है, क्या वह भी जांच के दायरे में आएंगे? बाबू राशन कार्ड में नया व यूनिट जोड़ने के कार्य को अनुमोदन कर रहे हैं। डीलर से काफी अच्छे संबंध है, आखिर क्या ऐसे में बाबू की जांच की जाएगी? एरिया खंड तृतीय में डीलर द्वारा सबसे ज्यादा ई मशीन घुमाई जाती है। घर-घर जाकर मशीन से अंगूठा लगाते हैं।
मोटर साइकिल लेकर घूम रहे राशन विक्रेता
जैसे ही राशन एजेन्सी पर बंटना शुरु होता है, राशन खरीदने वाले गली गली पहुंचकर चावल और बाजरा खरीदना शुरू कर देते हैं। ऐसे मामले कई बार पकड़े जा चुके है। ऐसे में जो व्यक्ति पात्र है, उन्होंने अपना राशन कार्ड बनाने के लिए विभाग के चक्कर पर चक्कर लगाए हैं और कहीं ना कहीं राशन कार्ड ना बनने से लाभार्थी काफी परेशान है।
कब होगी जांच, यह एक विषय है?
आखिर कब होगी जांच, अपात्र लोगों को छांटने में अभी तक चिंता का विषय है। गरीब व्यक्ति आज भी वंचित है, प्रधानमंत्री निशुल्क अन्य योजना से कब तक बनेंगे राशन कार्ड, इसकी पुष्टि अभी संभव नहीं है। जिला पूर्ति विभाग में शाहनवाज अभी कार्यवाही कर जेल भेज दिया गया हो, ना जाने कितने ऐसे शाहनवाज पूर्ति भाग में सम्मिलित हैं।
वर्जन
जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार का कहना है कि राशन कार्ड जांच करके बनाए हैं। अगर दोषी है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।