लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश): जिले के मझगई थाना क्षेत्र में पुलिस हिरासत में एक युवक की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर पिटाई करके हत्या करने का आरोप लगाया है। शव को लेकर परिजनों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार को निघासन हाईवे जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
क्या है पूरा मामला?
मंगलवार को मझगई थाना क्षेत्र के हुलासी पुरवा गांव निवासी रामचंद्र जंगल में लकड़ी बीनने गया था। इस दौरान निघासन कोतवाली और मझगई थाने की पुलिस ने अवैध शराब बनाने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया। परिजनों का आरोप है कि हिरासत में पुलिस की पिटाई से रामचंद्र की तबीयत बिगड़ गई। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
युवक की मौत की खबर मिलते ही परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल पहुंचकर विरोध किया। उनका कहना है कि पुलिस ने जबरन शव छीनकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया।
ग्रामीणों का प्रदर्शन और पुलिस का लाठीचार्ज
युवक की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने निघासन हाईवे जाम कर दिया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर हाईवे से जाम हटवाया।
इस दौरान सीओ धौरहरा पीपी सिंह ने परिजनों से कहा, “जितने दिन शव रखना है रखो, लेकिन कोई मांग पूरी नहीं होगी।” तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पोस्टमार्टम और जांच का आश्वासन
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल से कराया। एसपी ने परिजनों को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर युवक का विसरा सुरक्षित रख लिया गया है।
गांव में तनाव, परिजनों का अंतिम संस्कार से इनकार
घटना के बाद गांव में तनाव बना हुआ है। परिजनों ने सरकारी एंबुलेंस से शव ले जाने से इनकार कर दिया और निजी वाहन से शव ले जाने की मांग की। फिलहाल, परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हैं।
यह घटना पुलिस की कार्यप्रणाली और मानवाधिकारों पर सवाल खड़े करती है। परिजनों के आरोपों और ग्रामीणों के आक्रोश के बीच पुलिस की निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बड़ी चुनौती बनी हुई है। स्थिति पर नजर रखने के लिए और अधिक पुलिस बल तैनात किया गया है।