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Friday, December 27, 2024
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अंतिम चरण में आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए वायाडक्ट निर्माण, मोदीपुरम में रहेगा रूट डायवर्जन

लोकतंत्र भास्कर

मेरइ। दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर वायाडक्ट निर्माण अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस कॉरिडोर के मेरठ में आखिरी आरआरटीएस स्टेशन ‘मोदीपुरम’ से पहले वायाडक्ट निर्माण कार्य किया जा रहा है। मेरठ नॉर्थ स्टेशन से मोदीपुरम को जोड़ने वाले वायाडक्ट पर बीच में कुछ स्पैन बाकी हैं। इसी के चलते नेशनल हाईवे-58 पर मोदीपुरम बाईपास, मिलांज मॉल कट से एसडीएस ग्लोबल कट पर केवल 100-150 मीटर के बीच अगले एक महीने तक रूट डायवर्ट रहेगा। इस दौरान हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों को सिर्फ 100 मीटर के डायवर्जन में आने-जाने के लिए एक ही सड़क इस्तेमाल करने को मिलेगी।

मीडिया प्रवक्ता ने बताया, डायवर्जन के दौरान रैपिड रेल के एलिवेटेड ट्रैक के लिए तारिणी (लॉन्चिंग गैंट्री) की मदद से सेगमेंट लिफ्टिंग का काम समेत अन्य सिविल कार्य किए जाएंगे। गुरुवार 8 अगस्त को इस रूट डायवर्जन की व्यवस्था को जांचने के लिए ट्रायल किया गया था। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस के समक्ष यातायात संचालन व्यवस्था को जांचा गया। ट्रायल सफल रहने के बाद अब अगले एक महीने तक रूट डायवर्जन की व्यवस्था रहेगी। ऐसी आशा है कि महीने भर से भी कम में इससे जुड़े सिविल कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे और डायवर्जन हटा दिया जाएगा ताकि आमजन को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े। ट्रैफिक पुलिस की ओर से भी इस पर सहमति दे दी गई है।

मोदीपुरम आरआरटीएस स्टेशन के पास तारिणी (लॉन्चिंग गैंट्री) कार्य कर रही है। तारिणी को पिलर के ऊपर स्थापित किया जाता है, जहां से यह गिर्डर के अलग-अलग सेगमेंट्स को उठाकर आपस में जोड़ती है। ये सेगमेंट लगभग 50-60 टन भारी होते हैं। यह तारिणी वायाडक्ट के निर्माण के साथ-साथ आगे बढ़ती जाती है। इस दौरान सड़क से गुजरने वाले लोगों व वाहन चालकों की सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा जाता है। इस कारण से समय पड़ने पर ऐसे रूट डायवर्जन करने पड़ते हैं। लोगों को किसी तरह की असुविधा ना हो, इसके लिए एनसीआरटीसी कई तरह की व्यवस्था करता है।

बताया कि रूट डायवर्जन के दौरान, यातायात के सुचारू आवागमन के लिए एनसीआरटीसी की ओर से प्रकाश की बेहतर व्यवस्था करता है, जिसकी रात में जरूरत होती है। इसी के साथ ट्रैफिक मार्शल भी तैनात किए जाते हैं। ये ट्रैफिक मार्शल लाल व हरे झंडे, सीटी, रिफ्लेक्टिव जैकेट, हेलमेट और लाइटिंग बैटन के साथ लैस होते हैं व स्थानीय ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से यातायात व्यवस्था संभालते हैं। वहीं, क्रैश बैरियर भी लगाए जाते हैं।

बताया कि दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर वायाडक्ट निर्माण अपने अंतिम चरण में है और ऐसी आशा है कि अगले महीने तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा। मेरठ में 3 अंडरग्राउंड स्टेशनों के लिए टनल निर्माण पहले ही पूर्ण हो चुका है और फिलहाल फिनिशिंग आदि का कार्य किया जा रहा है। मेरठवासियों को शहर में नमो भारत के अलावा मेट्रो सेवा भी मिलेगी और तय समयसीमा में इस पूरी परियोजना को संचालित करने का लक्ष्य है।

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