अहिंसा के मार्ग से सहिष्णुता प्राप्त होती है: आचार्य श्री महाराज
अहिंसा के मार्ग से सहिष्णुता प्राप्त होती है: आचार्य श्री महाराज
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में जीवन आशा हॉस्पिटल के प्रेरणा स्त्रोत जैन धर्म गुरु आचार्य श्री 108 सौरभ सागर महाराज का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। विश्वविद्यालय आगमन पर सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण के नेतृत्व में सुभारती परिवार के सदस्यों ने आचार्य महाराज का स्वागत किया। बोधि उपवन में बोधि वृक्ष के नीचे आचार्य श्री सौरभ सागर महाराज के सभी आगंतुकों ने दर्शन किए।
सुभारती फाइन आर्ट कॉलेज के सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में आयोजित मंगल प्रवचन में आचार्य श्री सौरभ सागर महाराज ने अपने प्रवचन से श्रोताओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर दिया। मंगलाचरण वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण ने स्वागत उद्बोधन में आचार्य श्री 108 सौरभ सागर महाराज का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि तथागत बुद्ध की शिक्षाओं का उद्देश्य दूसरों के कष्टों को दूर करने से है। जैन धर्म भी इसी प्रकार मानव कल्याण की ओर सभी को प्रेरित करता है। सुभारती की विचारधारा है कि अहिंसा, प्रेम, करूणा, मैत्री व समानता, सद्भाव एवं समन्वय के साथ सभी धर्म के लोग एक मंच पर रहे। इसी उद्देश्य से सुभारती परिवार ने सनातन संगम न्यास की स्थापना की है, जिसमें विभिन्न पंथ व धर्म को मानने वालों को एक मंच पर लाकर देशहित व भारतीय संस्कृति को सशक्त करने के उद्देश्य से कार्य किये जा रहे है। इस दौरान सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण द्वारा रचित सर्वधर्म प्रार्थना सुनाई गई। कार्यक्रम का संचालन पंडित संदीप सजल ने किया।
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