~भास्कर पड़ताल ~
बहुउपयोगी परियर घाट में अव्यवस्थाओं का अंबार, पेयजल व बैठने तक की जगह नहीं…
उन्नाव। लोगों को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लाखो रुपयों की लागत से बनवाया गया शव दाह ग्रह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ खंडहर एवं जंगल में तब्दील हो गया है। जिम्मेदारों की हठ धर्मिता के चलते शव दाह गृह परिसर में लगा इंडिया मार्का हैंड पंप भी जीर्ण क्षीर्ण स्थिति में पहुंच गया है जिससे न तो पानी निकल रहा है और न ही वहां पक्का कट्ठा ही बना है। जिससे अंतिम संस्कार करने के लिए आने वालों को बहुत ही परेशानी उठानी पड़ रही है। क्योंकि पेय जल की भी इस घाट पर समुचित व्यवस्था भी नहीं है। ज्ञात हो कि सदर एवं सफीपुर व हसनगंज तहसील क्षेत्र से शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए भारी संख्या में लोग परियर घाट पर पहुंचते हैं। जहां पर शव का अंतिम संस्कार किया जाता है वहीं अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों के लिए परियर घाट पर बैठने एवं शव दाह के लिए बनवाया गया केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है क्योंकि लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद अंतिम संस्कार करने के लिए यहां समुचित प्रबंध नहीं है जिससे अंतिम संस्कार करने के लिए लोग अपने घरों से ही व्यवस्था करके यहां पर पहुंचते हैं परंतु घाट पर बना शव दाह गृह परिसर में पेयजल के लिए लगवाया गया इंडिया मार्का हैंड पंप से भी पानी नहीं निकल पा रहा है और न ही घाट पर कोई बैठने की ही व्यवस्था हो पाई है जिससे अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों को परेशानी उठाकर कर दूर दराज से पानी पीने के लिए जाना पड़ता है।
जबकि ग्राम प्रधान एवं सचिव द्वारा प्रतिवर्ष हैंड पाइप रिबोरिंग एवं मरम्मत के नाम पर लाखों रुपयों का वारा न्यारा किया जाता है परंतु सबसे ज्यादा जहां पर पानी की जरूरत है वहां पर पानी की कोई भी समुचित व्यवस्था जिम्मेदारों द्वारा नहीं की जा सकी है जिससे घाट पर आने वाले लोगों में बहुत निराशा रहती है कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं धरातल पर देखने को नही मिल रही हैं जो जहां बैठा है बस अपनी अपनी जेबों को भरने में ही मशगूल हैं।
क्या बोले मुख्य विकास अधिकारी
परियर घाट पर अव्यवस्थाओं के विषय में लोकतंत्र भास्कर संवाददाता ने सीडीओ उन्नाव प्रेम प्रकाश मीणा से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है जल्द ही व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा।
क्या बोले घाट पर आने वाले….
1~ मियागंज कस्बे के निवासी विपिन गुप्ता ने बताया कि परियर घाट की मान्यता है। जिले से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग मृतकों का अंतिम संस्कार करने जाते हैं। पेयजल एवम बैठने की व्यवस्था न होने के चलते समस्या का सामना करना पड़ता है।
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2~ हसनगंज सुल्तानापुर गांव निवासी राहुल पंडित बताते हैं कि हमारे यहां का भी घाट यही है समस्या काफी गंभीर है। धूप या बारिश होने पर शव के साथ जाने वाले लोगों को सिर छुपाने की जगह नहीं मिलती। शासन को छाया के लिए व्यवस्था करनी चाहिए।