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Thursday, April 10, 2025
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विकास के नाम पर तोड़ा मंदिर, धूप में रखीं खंडित की गईं मूर्तियां दो साल पहले मंदिर पर चला था बुल्डोजर, ऊबड़ खाबड़ पड़ा चौराहा

पुजारी बोले- मूर्तियां खंडित होने से पूजा छूट गई, मन से साधना करता हूं

संवाददाता, बदायूं। चौराहा चौड़ीकरण के नाम मंदिर तो तोड़ दिया गया, लेकिन सड़क का निर्माण दो साल बाद भी नहीं हुआ। बुल्डोजर से मंदिर तोड़े जाने के दौरान खंडित हुईं मूर्तियां धूप में रखी हैं, जिन पर धूल मिटटी जम रही है। यहां के पुजारी ने मंदिर टूटने के बाद से पूजा करना छोड़ दिया। उनका कहना है कि मंदिर टूट गया और मूर्तियां खंडित कर दी गईं तो पूजा किसकी करें। मन ही मन साधना कर लेते हैं।
शहर में लालपुल चौराहे के पास बिजली का ट्रांसफार्मर लगा है। वहीं रोड किनारे सर्व धर्म मंदिर है, जो करीब 50 साल पुराना होगा।

यहां के पुजारी महात्मा तरुपानंद ने बताया कि इस मंदिर की नींव उनके गुरु भाई मंगल भारती ने रखी थी। उन्होंने 1980 में समाधि ले ली। इसके बाद से सर्व धर्म मंदिर में महात्मा तरुपानंद सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चार फरवरी 2021 को नगर पालिका वालों ने जेसीबी से मंदिर को तोड़ दिया। उनके तमाम मिन्नतें करने के बावजूद मंदिर को नहीं छोड़ा। जबकि बिजली का ट्रांसफार्मर रोड पर है, जिसे अभी तक नहीं हटाया गया। मंदिर के पास बनी बाबा मंगल भारती की समाधि भी तोड़ दी गई। मंदिर के पीछे छोटा से कमरानुमा है, जिस पर बाबा ने टीन डाल रखी है। उसी में महात्मा तरुपानंद रहते हैं। उनका कहना है कि मंदिर को तोड़ते समय चौराहा चौड़ा करने की बात कही गई थी।

मंदिर तोड़े हुए दो साल बीत गए। न तो बिजली का ट्रांसफार्मर हटाया गया और न ही चौराहा चौड़ा हुआ। जेसीबी चलने से राधा-कृष्ण की मूर्तियां व शिवलिंग खंडित हो गये, जो खुले आसमान के नीचे धूप-बारिश में रखी हैं। इन मूर्तियों पर धूल मिटटी जम रही है। महात्मा तरुपानंद के लिए दोषी निवर्तमान चेयरमैन और शहर विधायक को मानते हैं। उनका कहना है कि काफी मिन्नत करने के बावजूद मंदिर को नहीं छोड़ा गया।महात्मा तरुपानंद का कहना है कि वह पीडब्ल्यूडी से मुकदमा भी जीत चुके हैं, फिर भी मंदिर को तोड़ दिया गया।

महात्मा तरुपानंद के मुताबिक मंदिर टूटने से उनकी पूजा पाठ सब छूट गया। केवल मन ही मन साधना कर लेते हैं। मंदिर के सहारे उनका गुजारा भी चलता था। अब पैसे-पैसे को परेशान हैं। तबियत खराब रहने से चलना फिरना मुश्किल है। नवनिर्वाचित चेयरमैन फात्मा रजा व उनके पति पूर्व राज्यमंत्री आबिद रजा हर धर्म और मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरिजाघर को समान सम्मान देने की बात करती हैं। अब देखना है कि नई चेयरमैन दो साल पहले तोड़े गए सर्व धर्म मंदर को लेकर क्या कदम उठाते हैं।

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