खास खबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सुबह नौ बजे आएंगे बरेली
सीएम की मंडलीय समीक्षा में उठ सकता है कृषि विभाग में घपले का मामला
सीएम पोर्टल पर कृषि योजनाओं में घपले की शिकायतों के मनमाने निस्तारण के विरोध में किसान लामबंद
प्रगतिशील किसानो ने की सीएम को ज्ञापन देने की तैयारी
बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज बरेली के भ्रमण पर रहेंगे। वह सुबह 9:00 बजे लखनऊ से विमान के द्वारा त्रिशूल हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। कुछ देर बाद वह यहां से शाहजहांपुर चले जाएंगे। वहां से लौटने के बाद बरेली आकर सर्किट हाउस में ठहरेंगे। यहां भाजपा के सांसद विधायक और संगठन पदाधिकारियों से बातचीत करने के बाद मुख्यमंत्री विकास भवन सभागार में अधिकारियों की मंडलीय समीक्षा बैठक करेंगे। उसमें मुख्यमंत्री विकास कार्यों का फीडबैक लेंगे। मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के भ्रष्टाचार का मामला भी उठ सकता है। किसानों ने भी कृषि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है।
किसानों की आय दोगुनी करने के मकसद से केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित आत्मा, एनएफएसएम खाद बीज सब्सिडी, कृषि यंत्रीकरण, किसान पाठशाला जैसी योजनाओं में बड़े स्तर पर लंबे समय से भ्रष्टाचार व्याप्त है। कृषि विभाग के बलवा स्थित कार्यालय में दो दशक से तैनात दो बाबू शिवकुमार और गिरीशचंद्र की इस घपले में अहम भूमिका है। पिछले महीने कृषि विभाग से संबंधित शिकायत रजिस्टर्ड डाक से डीएम रविंद्र कुमार को भेजी गई थी। डीएम ने उस शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेकर सीडीओ जग प्रवेश जांच सौंपी थी। सीडीओ की ओर से इस मामले की जांच डीडीओ दिनेश यादव को सौंप दी गई। डीडीओ ने यह जांच डिप्टी डायरेक्टर कृषि अभिनंदन सिंह को भेज दी। डिप्टी डायरेक्टर कृषि ने दोनो विभागीय बाबुओं को बचाते हुए जांच के नाम पर खानापूरी कर दी। डीडी ने बिना भौतिक सत्यापन किए एक पक्षीय आख्या बनाकर डीडीओ को भेज दी। जांच में उन बिन्दुओं को शामिल नहीं किया गया, जिसमें किसानों के प्रचार प्रसार की धनराशि जिला कृषि अधिकारी समेत बीज गोदाम प्रभारी और कुछ बाबुओं के स्वयं के खाते मे फर्जी बिल लगाकर भुगतान करा लिया गया।
अफसरों ने खुद के खाते में ट्रांसफर करा ली सब्सिडी
डीएम को भेजी शिकायत में किसानों के हित मे प्रचार प्रसार की धनराशि जिला कृषि अधिकारी धीरेन्द्र चौधरी समेत बीज गोदाम इंचार्ज और कृषि विभाग के दर्जन भर कर्मचारियों ने अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर ली। इसके अभिलेख यूटीआर नंबर सहित संलग्न किए गए थे। मगर, डीडी की जांच में इन तथ्यों को नजरंदाज कर दिया गया।
बाबू गिरिश ने काटे फर्जी बिल
कृषि विभाग की ओर से बाबू गिरीशचंद्र ने अधिकांश योजनाओं के फर्जी बिल काट दिए। अधिकांश बिल बाबू की हैंड राइटिंग में एक ही दुकान के हैं। । जिन फर्मों के नाम से बिल काटे गए हैं, उनमें दो फर्में तो कृषि विभाग के बाबुओं की ही हैं। उनमें ही किसानों की सब्सिडी की धनराशि ट्रांसफर की गई है। इस फर्म के बिल विभाग के भ्रष्ट बाबू गिरीशचंद्र की हैंड राइटिंग में कटे हैं।
बाबुओं के ऊपर डीडी की विशेष मेहरबानी
प्रगतिशील किसान प्रताप सिंह का कहना है कि डिप्टी डायरेक्टर कृषि अभिनंदन सिंह अपने विभाग के भ्रष्ट बाबुओं को लंबे अरसे से प्रत्येक जांच में बचाते आए हैं। सीएम पोर्टल की शिकायतों पर भी वह एक पक्षीय तरीके से मनमानी आख्या लगाकर शिकायतों का निस्तारण करते हैं। उनमें भ्रष्ट बाबुओं को क्लीनचिट मिल जाती है। उनसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद भविष्य में भी नहीं है।
हाल में डिप्टी डायरेक्टर कृषि के कार्यालय से विभिन्न योजनाओं में लगभग एक करोड़ रुपए के फर्जी बिल विभिन्न फर्मों के नाम से स्वीकृत किए गए हैं। इनमे अधिकांश फर्म कृषि विभाग के बाबू और अधिकारियों की हैं। उसमें से 40 लाख रुपए के फर्जी बिलों का भुगतान भी भ्रष्ट बाबुओं के माध्यम से हो चुका है। लेखा आधिकारी और लेखाकार ने भी फर्जी बिलों पर अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं। ये मामले सीएम के समक्ष उठ सकते हैं।
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