बहनों ने भाइयों की कलाइयों में बांधी स्नेह की डोर, श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है पर्व
लखनऊ। रक्षाबंधन का पावन पर्व ग्रामीण अंचल में धूमधाम के साथ मनाया गया। हाथ रंग-बिरंगी राखियों से सजा था। इस दिन का इंतजार सभी बहनों को रहता है। अपनी ससुराल जा चुकी बहना भी जिनको अपने मायके आने का तथा अपने परिजनों से मिलने का एक मौका मिलता है और वह अवसर हाथ से गंवाने नहीं देतीं और सीधे या तो बहना चली आती हैं या फिर भाई चले आते हैं। और रक्षाबंधन का पर्व बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
शुक्रवार को बहनों ने आरती सजाकर माथे पर अक्षत, द्रव्य व गुलाल का टीका लगाकर आरती उतारी तथा भाई के हाथ को राखी से दमका दिया। वही भाई को अपने हाथ से मिठाई खिलाकर उनके आने वाले दिनों में मिठास भर दी, तो भाई भी उन्हें गिफ्ट देकर या फिर रुपए थमाकर उनके रक्षा का वचन भी दिया।
यह त्योहार बहनों के लिए यह पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां लक्ष्मी ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा का वचन लिया था उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए रक्षाबंधन का पर्व देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
- Advertisement -