रामभद्राचार्य को समाज से क्षमा मांगनी पड़ेगी: श्री वेद पाल
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। जागृति विहार आर्य समाज का स्थापना दिवस मनाया गया, जिसमें आर्य समाज के प्रसिद्ध वेद विद्वान श्रीवेद पाल विशेष रूप से उपस्थित रहे, लखनऊ से आए सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रमुख श्री वर्मा ने अपने विस्तृत उद्बोधन में रामाभद्र चार्य की ऋषि के प्रति एक ऐसी टिप्पणी को सर्वथा नकारते हुए जोरदार शब्दों में विरोध किया।
भद्रा चार्य ने कहा था कि महऋषि स्वामी दयानंद महाराज की भूल रही है, जो स्वामी दयानंद ने रामायण और महाभारत दोनों को काल्पनिक कहा था। श्री वर्मा ने कहा कि अगर ऋषि ने यह कहा है तो भद्राचार्य जी बताएं ऋषि ने कहां लिखा है, जबरदस्त तरीके से विरोध करते हुए कहा कि रामभद्राचार्य को इसके लिए क्षमा मांगनी पड़ेगी। वहां पर उपस्थित सभी आर्य समाजियों ने गहरा रोष प्रकट किया। कार्यक्रम में सदर आर्य समाज के पूर्व प्रधान कवि विजय प्रेमी सहित राजेश सेठी, प्रधान श्रीचंद्र कांत मित्तल, प्रीति सेठी, सुशील बंसल, सहित सभी अधिकारियों ने भाग लिया। हरबीर सुमन भी उपस्थित रहे, अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया। कंकरखेड़ा मेहंदी मोहल्ला आर्य समाज से आए स्वामी जी ने जोरदार उदबोधान दिया। वैदिक संदेश प्रस्तुत किया।
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