राकेश टिकैत पहुंचे मेरठ, किसानों ने किया प्रदर्शन
राकेश टिकैत पहुंचे मेरठ, किसानों ने किया प्रदर्शन
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। भारतीय किसान यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर जिला मुख्यालय घेर लिया। पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर किसानों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन रोक नहीं पाए। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा। पंचायत की अध्यक्षता प्रिन्सिपल मदन पाल, मेजर चिंदोडी, सतबीर जंगेठी ने संयुक्त रूप से की। संचालन हर्ष चाहल ने किया।
किसानों की मांग थी कि मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण रखें, भोजन, दवाओं, कृषि- इनपुट और मशीनरी जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाएं। पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में काफी कमी करें। वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों, खिलाड़ियों को रेलवे द्वारा कोविड के बहाने वापस ली गई रियायतें बहाल की जाएं। खाद्य सुरक्षा की गारंटी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाना। सभी के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता के अधिकार की गारंटी। नई शिक्षा नीति, 2020 को रद्द करें। सभी के लिए आवास सुनिश्चित करें। वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) का कड़ाई से कार्यान्वयन, वन (संरक्षण) अधिनियम-2023 और जैव-विविधता अधिनियम और नियमों में संशोधन वापस लें, जो केंद्र सरकार को निवासियों को सूचित किए बिना जंगल की निकासी की अनुति देते हैं। जोतने वाले को भूमि सुनिश्चित करें। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, सरकारी विभागों का निजीकरण बंद करें और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को खत्म करें। खनिजों और धातुओं के खनन पर मौजूदा कानून में संशोधन करें और स्थानीय समुदायों, विशेषकर आदिवासियों और किसानों के उत्थान के लिए कोयला खदानों सहित खदानों से लाभ का 50 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित करें। बिजली (संशोधन) विधेयक-2022 को वापस लें। कोई प्री-पेड स्मार्ट मीटर नहीं। काम के अधिकार को मौलिक बनाया जाए। स्वीकृत पदों को भरें और बेरोजगारों के लिए रोजगार पैदा करें। मनरेगा का विस्तार और कार्यान्वयन (प्रति वर्ष 200 दिन और 600 रुपये प्रति माह मजदूरी)। शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम बनाए।
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