प्रो. शमीम हनफ़ी ने उर्दू साहित्य की बड़ी सेवा की है: आरिफ़ नकवी
प्रो. शमीम हनफ़ी ने उर्दू साहित्य की बड़ी सेवा की है: आरिफ़ नकवी
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। सीसीएसयू के उर्दू विभाग में साप्ताहिक ऑनलाइन साहित्यिक कार्यक्रम “अदबनुमा” के अंतर्गत “प्रोफ़ेसर शमीम हनफ़ी की आलोचना” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय भाषण में जर्मनी के आरिफ नकवी ने कहा कि हम लेखकों की बात करते हैं, हम साहित्य की बात करते हैं और हम आलोचकों की बात करते हैं, लेकिन हम यह नहीं बताते कि उनका कौन सा नाटक बहुत अच्छा था। इसी तरह उनकी कोई खास ग़ज़ल या कलाम सामने आना चाहिए. मैंने हिंदुस्तान के बाहर उनकी महानता और प्रसिद्धि देखी है। कराची के अंतरराष्ट्रीय उर्दू सम्मेलन में मैंने देखा कि शमीम साहब का कितना सम्मान था। प्रोफ़ेसर शमीम हनफ़ी आधुनिकता के महान प्रतिनिधि थे, लेकिन उन्होंने कभी प्रगतिवाद को दोष नहीं दिया। कार्यक्रम की शुरुआत सईद अहमद सहारनपुरी ने पवित्र कुरान की तिलावत से की। कार्यक्रम का संचालन शाहे जमन, स्वागत भाषण डॉ. इरशाद स्यानवी और शुक्रिया शोधार्थी उज़मा सहर द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में डॉ. आसिफ अली, डॉ. शादाब अलीम, डॉ. अलका वशिष्ठ, मुहम्मद शमशाद सहित बड़ी संख्या में छात्र व छात्राएं शामिल हुए।
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