फाईज़र ने मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल के साथ किया गठबंधन
फाईज़र ने मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल के साथ किया गठबंधन
लोकतंत्र भास्कर
गाज़ियाबाद। फाईज़र इंडिया और वैशाली गाजियाबाद के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इन दोनों ने मिलकर वयस्क टीकाकरण के लिए एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) को लांच किया। रोगी की देखभाल बेहतर तरीके से हो सके इस बात के मद्दे नज़र यह सीओई कई वैक्सीन से रोकथाम की जाने वाली बीमारियों के खिलाफ वयस्क टीकाकरण सेवाएं देने के लिए तैयार किया गया है। जिनमें न्यूमोकोकल रोग, इन्फ्लूएंजा, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी), और हेपेटाइटिस ए और बी आदि शामिल हैं।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल वैशाली गाजियाबाद के डॉ. अजय कुमार गुप्ता (डायरेक्टर- इंटरनल मेडिसिन) ने कहा, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हम रोकथाम और उपचार द्वारा स्वास्थ्य देखभाल को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे देश की जो सहज में घायल हो जाती है ऐसी आबादी के लिए टीकाकरण स्वास्थ्य देखभाल हेतु बहुत ही जरूरी है। फाईज़र के साथ इस साझेदारी से हमारा मकसद वयस्कों के टीकाकरण को बढ़ावा देना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हमारा समुदाय टीके से बचाव की जाने वाली बीमारियों से सुरक्षित रह सकें। फाईज़र वैक्सीन के मेडिकल अफेयर्स के डायरेक्टर डॉ. संतोष तौर ने बताया कि मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के साथ हमारी सहभागिता वयस्क टीकाकरण को आम जनता तक बड़ी सरलता से पहुंचाने, वैक्सीन से रोकथाम होने वाली बीमारियों, विशेष रूप से श्वसन संबंधी बीमारियों से सुरक्षा देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सपोर्ट करने और टीकाकरण सहित बेहतर स्वास्थ्य देखभाल निर्णयों के लिए सही जानकारी देकर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और रोगियों दोनों को सशक्त बनाने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
भारत में वैक्सीन से रोकथाम की जाने वाली बीमारियों (वीपीडी) से होने वाली लगभग 95% मौतें वयस्कों में होती हैं। वीपीडी स्वास्थ्य को काफी प्रभावित करता है। खासतौर पर क्रोनिक फेफड़ों की बीमारी (सीओपीडी और अस्थमा), मधुमेह, क्रोनिक हृदय रोग, क्रोनिक किडनी रोग और कैंसर जैसी गंभीर हालत वाले वयस्कों को ज्यादा प्रभावित करता है। हालांकि वयस्क टीकाकरण एक सिद्ध और असरदार तरीका है, जिससे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन हमारे देश में इसे सीमित रूप में अपनाया जा रहा है। इसीलिए सीओई स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों(एचसीपी) और रोगियों को टीकाकरण के दीर्घकालिक फायदों के बारे में जानकारी देकर वयस्क टीकाकरण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करेगा।
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