कथा में हुआ एक ओर विभिन्न युद्धों में असुरों के वध का वर्णन
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। हरिवंशपुराण की कथा के नवें दिन सोमवार को कथा व्यास प्रो. सुधाकराचार्य त्रिपाठी ने विविध प्रसंगों का वर्णन करते हुए कथा को सम्पन्न किया।
कथा में एक ओर विभिन्न युद्धों में असुरों के वध का वर्णन हुआ तो दूसरी ओर विविध स्तुतियों की प्रस्तुति हुई। कृष्ण-विचक्र युद्ध, हिडिम्ब-बलराम युद्ध, सात्यकि-डिम्भक युद्ध, हंस-बलराम युद्ध, डिम्भक-यादव घोर युद्ध का तथा उनमें विचक्र, हिडिम्ब, हंस के वध और डिम्भक की आत्महत्या आदि का उल्लेख हुआ। पुराणकथा के अन्त में त्रिपुरवधकथा हुई। हरिवंशपुराण में आई वामनस्तुति, आर्या स्तुति, हरिस्तुति आदि विविध स्तुतियों के साथ हरिवंशपुराण के श्रवण की विधि, फल, नवाहपारायण के उद्यापन तथा माहात्म्य का उल्लेख हुआ। सभी श्रोताओं ने हरिनाम कीर्तन और हरि स्मरण के आनन्द के साथ कथारस का आस्वादन किया।
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