15.6 C
Bareilly
Wednesday, January 1, 2025
spot_img

जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया की मांग पर देश में राज्य सरकारें होने लगी है सक्रिय

राष्ट्रीय स्तर पर संगठन ने उठाई थी ई-पेपर व पोर्टल को मान्यता की मांग। 

जेसीआई संगठन नहीं एक मिशन है: अनुराग सक्सेना


बरेली। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के लगातार प्रयासों तथा राष्ट्रीय स्तर पर मांग का असर अब दिखने लगा है। यह बात आज एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 अनुराग सक्सेना ने कही। बैठक में कई प्रदेशो के पत्रकार साथियों ने भाग लिया

अध्यक्ष डा0 अनुराग सक्सेना ने कहा कि वरिष्ठ पदाधिकारियों को और अधिक जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता है। ताकि प्रांतीय संगठनों को मजबूती के साथ जुझारू होकर पत्रकारों के हित की लड़ाई बेहतर तरीके से लड़ी जा सकें। संगठन में सभी पदाधिकारियों को एक सिपाही के तरह संगठन तथा पत्रकारों के हित के लिए सदैव मुस्तैद रहना चाहिए। उन्होंने कहा उनका प्रयास होना चाहिए कि किसी भी पत्रकार का शोषण न होने पाए।

नव वर्ष की पूर्व संध्या पर वर्चुअल मीटिंग में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज हमारी महती आवश्यकता है पत्रकारों के हितों की रक्षा तथा उनके हक को सुरक्षित करना। जिससे देश भर का पत्रकार निर्भीक होकर अपने कार्य को अंजाम दे सके। पत्रकारों को आपसी द्वेष छोड़कर केवल पत्रकार हितों की बात करनी चाहिए। वही हमें सदैव प्रयास करना चाहिए कि हम किस प्रकार से पत्रकारों के हितों को बेहतर कर सकें। पदाधिकारियों को अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता है। जिससे समाचार पत्रों के जिला संवाददाता के साथ ही अन्य पत्रकारों को भी पहचान दिलाकर उनके हक के लिए आवाज उठाई जा सके। उन्होंने कहा प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ ही वेव मीडिया प्लेटफार्म को भी मजबूती के साथ खड़ा कर उसकी आवाज उठाने की आवश्यकता है। आज पत्रकारों को प्रताड़ित कर बेवजह उनके खिलाफ मुकदमें लिखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा पत्रकारों का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभी हाल ही मे देश के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि पत्रकारों से सूत्र पूछने का अधिकार नहीं है बेवजह उनको प्रताड़ित न किया जाए। आज हम पत्रकार साथियों को आपसी भेदभाव भुलाकर जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के बैनर तले आकर पत्रकारों की लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है। ताकि पत्रकारों को उनका सम्मान एवं मान प्रतिष्ठा जिसके वह हकदार हैं मिल सके।

अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 अनुराग सक्सेना ने बताया हम संगठन के माध्यम से सरकार को बराबर ई-पेपर तथा पोर्टल को मान्यता देने की बात उठा रहे हैं। उन्होंने सभी से कहा हमें तब तक प्रयास जारी रखना है जब तक हमारी बातें नहीं मान ली जातीं। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया एक मिशन की तरह कार्य कर रहा है।उन्होंने कहा संगठन के लगातार संघर्ष का असर दिखने लगा है। कई प्रांतों में ई-पेपर व पोर्टल के प्रति राज्य सरकारों का रवैय अपेक्षाकृत बेहतर हुआ है। लेकिन हमें अपने प्रयासों से तब तक पीछे नहीं हटना है जब तक हम इसे अमलीजामा नहीं पहना देते।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles