मानव जीवन के दर्शन का वर्णन करती हैं कृष्ण कुमार ‘बेदिल’ की कई कविताएँ: प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग और अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच द्वारा संयुक्त रूप से मेरठ के मशहूर शायर कृष्ण कुमार बेदिल की याद में एक शोक सभा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर उर्दू विभागाध्यक्ष प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी ने कहा कि कृष्ण कुमार बेदिल हिंदी के प्रसिद्ध कवि हैं, लेकिन वे उर्दू भी अच्छी तरह जानते थे। उनकी ग़ज़लों पर भी अच्छी पकड़ थी। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने हिंदी के लोगों को ग़ज़ल के नियमों की बारीकियों को समझाने के लिए हिंदी में “रदीफ़ और क़ाफ़िया” नामक पुस्तक लिखी, जिसके दो संस्करण प्रकाशित हुए और लोकप्रिय हुए। कार्यक्रम की शुरुआत कृष्ण कुमार बेदिल की पोती नताशा ने उनकी कुछ यादों से की. कार्यक्रम की अध्यक्षता कौशल कुमार ने की और अतिथि के रूप में हिंदुस्तान के संपादक सूर्यकांत द्विवेदी उपस्थित थे. समारोह का संचालन सुप्रसिद्ध शायर डॉ. रामगोपाल भारतीय तथा धन्यवाद ज्ञापन की रस्म विभाग के शिक्षक डॉ. आसिफ अली ने की। इस मौके पर डॉ. इरशाद स्यानवी, सैयदा मरियम इलाही, शहनाज़ परवीन, उज्मा सहर, सईद अहमद सहारनपुरी, मुहम्मद शमशाद, शहर के गणमान्य व्यक्ति व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।