26.2 C
Bareilly
Friday, November 1, 2024
spot_img

“अभिनव स्कीम”- डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने की महिलाओ को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की नई पहल

मत्स्य किसान उद्यम को बढ़ावा देने हेतु सामुदायिक मछली उत्पादक कम्पनी का किया जाएगा गठन—-राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जलीय आजीविका क्षेत्र में समुदाय आधारित मत्स्य किसान उद्यम को बढ़ावा देने की है ,यह अभिनव स्कीम: केशव प्रसाद मौर्य


लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने महिलाओ को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की नई पहल की है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर जलीय आजीविका क्षेत्र में समुदाय आधारित मत्स्य किसान उद्यम को बढ़ावा देने हेतु सामुदायिक मछली उत्पादक कम्पनी का गठन किया जाएगा। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जलीय आजीविका क्षेत्र में समुदाय आधारित मत्स्य किसान उद्यम को बढ़ावा देने की यह अभिनव स्कीम है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में जलीय आजीविका क्षेत्र में समुदाय आधारित मत्स्य किसान उद्यम को बढ़ावा देने हेतु सामुदायिक मछली उत्पादक कम्पनी के गठन की स्वीकृति ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदान की है। इस परियोजना के तहत एक महिला स्वामित्व वाली प्रोडयूसर्स कम्पनी की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना में तीन जिलों -बहराइच, बस्ती और गोरखपुर के पाँच (5) विकासखण्डों के 2600 स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को 3 साल की अनुमोदित समयावधि में आच्छादित करते हुए लाभान्वित किया जायेगा। परियोजना के लिए स्वीकृत कुल बजट रू0 330.77 लाख रूपये है। इसमें से ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा केन्द्रांश रू0 198.47 लाख (कुल परियोजना लागत का 60 प्रतिशत) और राज्यांश रू0 132.30 लाख रूपये (कुल परियोजना लागत का 40 प्रतिशत) है।

ये भी पढ़िए 👉बरेली मॉडल की तर्ज पर देश भर में बनेंगी राशन की उचित दर दुकानें

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक सी० इन्दुमती ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत इन जनपदों में मत्स्य पालन से जुड़े लाभार्थियों को मूल्य से अधिकतम लाभ लाभार्थियों की संख्या को बढ़ाना, लाभार्थियों को गहनता से प्रशिक्षित करना, जो लाभार्थी स्वयं सहायता समूह से नहीं जुड़े हैं ,उन्हें समूहों से जोड़ना, अभिसरण द्वारा पंचायती राज विभाग, मत्स्य पालन विभाग के साथ साझेदारी करना निहित है।परियोजना के अंतर्गत Aqua स्कूल का गठन करते हुए समुदाय स्तर पर मत्स्य पालन के लिए प्रशिक्षित करने की व्यवस्था बनाई जाएगी। जहां तक संभव हो, नौकरी के अवसर पैदा करने के लिए प्रोड्यूसर कम्पनी भूमिहीन स्वयं सहायता समूह सदस्य के परिवार के सदस्यों को शामिल कर सकती है, बशर्ते वे चयन के मानदंडों को पूरा करते हों। परियोजना के अनुश्रवण हेतु एक समर्पित निगरानी प्रणाली विकसित करने का प्राविधान है।

लक्ष्य समूह की पहचान करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने सबसे गरीब और सबसे कमजोर महिलाओं जैसे अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों, भूमिहीनों और आदिम जनजातीय समूहों को प्राथमिकता देते हुए योजना अंतर्गत आच्छादित होने वाले स्वयं सहायता समूह के चिन्हीकरण का कार्य प्रारम्भ कर दिया है

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles