सिरसा।(सतीश बंसल ) धर्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश मनचंदा ने सिरसा लोकसभा सांसद सुनीता दुग्गल से मुलाकात कर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से बात रखी। सुरेश मनचंदा ने सांसद दुग्गल को बताया कि 16 जून को रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष को देश में प्रतिबंधित किया जाए। साथ ही फिल्म के निर्देशक ओम राउत और लेखक मनोज मुंतशिर के खिलाफ़ हिन्दुओं की भावना को आहत करने के लिए कार्यवाही हो। मनचंदा ने कहा कि रामायण को पूरी तरह से काल्पनिक ग्रंथ बनाने की कोशिश की गई है। इस फिल्म ने न सिर्फ रामायण के रचियता भगवान वाल्मिकी जी को आहत किया है बल्कि भगवान तुलसीदास जी की आत्मा तक को ठेस पहुंचाई है। हिन्दू समाज इस फिल्म को किसी भी प्रकार से स्वीकार नहीं कर सकता । पूरे देश के साधु-संत और हिन्दू इस फिल्म से आहत हुए हैं।
रामायण कोई ग्रंथ नहीं, भगवान श्रीराम किसी नाटक में काम करने वाले कोई चरीत्र मात्र नहीं, रामायण जीवन दर्शन है, भगवान राम, मर्यादा पुरुषोत्तम राम हैं, मां जानकी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। भगवान हनुमान देश के हर युवा के लिए शक्ति हैं। इन सबके चरित्र-दर्शन के साथ इस तरह का खिलवाड़ स्वीकार्य नहीं है।
सुरेश मनचन्दा ने कहा कि भारतीय संस्कृति की नीव को उखाड़ने की साजिश उस देश में रची जा रही है जहां 2024 तक मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्रीराम का मन्दिर बन कर तैयार हो जाएगा। उसी देश में भगवान श्रीराम के नाम का दुरुपयोग कर हिन्दूओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ का यह षड्यंत्र स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसलिए इस फिल्म के प्रसारण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए।