डॉ. यूनुस गाजी ने कायम रखी है मेरठ की साहित्यिक परंपरा: प्रो. खालिद महमूद
-सीसीएसयू के उर्दू विभाग में मनाया गया “जश्न ए गाज़ी”
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में “जश्न ए गाज़ी” मनाया गया। अपने अध्यक्षीय भाषण में जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली के उर्दू विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. खालिद महमूद ने कहा कि इस्माइल मेरठी के कारण ही मेरठ का नाम दूर-दूर तक जाना जाता है। डॉ. यूनुस गाजी ने मेरठ की साहित्यिक परंपरा को कायम रखा है। इनकी सभी रचनाएँ इसका प्रमाण हैं। यहां की जलवायु में उर्दू समृद्ध हुई है।
उद्घाटन सत्र की शुरूआत एमए प्रथम वर्ष के छात्र मुहम्मद अरशद ने पवित्र कुरान का पाठ किया। बाद में एमए द्वितीय वर्ष की छात्रा फरहत अख्तर ने अपनी खूबसूरत आवाज में डॉ. यूनुस गाजी की ग़ज़ल पेश कर समां बांध दिया। प्रो. खालिद महमूद ने अध्यक्ष पद का दायित्व निभाया और प्रो. तसनीम फातिमा (पूर्व कुलपति, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली) और प्रो. वाई. विमला (पूर्व प्रति कुलपति, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ) ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। संचालन डॉ. आसिफ अली ने और आभार डॉ. अलका वशिष्ठ ने किया। इस बीच डॉ. यूनुस गाजी की दो पुस्तकों “अनमोल खज़ाना” [बच्चों के लिए कविताएं] और “अक्स दारू” [कहानी संग्रह] का विमोचन हुआ। इस अवसर पर डॉ. यूनुस गाज़ी को उनकी साहित्यिक सेवाओं के सम्मान में एक शॉल, एक ट्रॉफी और एक कोलाज फोटो फ्रेम देकर सम्मानित किया गया।
इन्होंने कहा
प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी ने कहा कि यूनुस गाजी का भाषण उनकी भावनाओं और संवेदनाओं को दर्शाता है. उनकी कविता कलात्मक है. शायरी विचारों और सोच के लिहाज से महत्वपूर्ण है। जश्न ए गाजी के मौके पर मुझे उन्हें बधाई देते हुए खुशी हो रही है और हमने साहित्यकारों के जीवनकाल में उन्हें सम्मानित करने के लिए यह श्रृंखला शुरू की है। इसमें शामिल हुए सभी मेहमानों को भी धन्यवाद।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में डॉ. अलका वशिष्ठ, डॉ. इफ्फत जकिया, डॉ. शबिस्तां आस मुहम्मद, भारत भूषण शर्मा, अनिल शर्मा, आदिल चौधरी, हाजी इमरान सिद्दीकी, नजीर मेरठी, अरशद बेताब, सलीम अहमद सलीम, सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य व्यक्ति और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।