डीएम ने सीडीओ को सौंपी जांच, कमेटी ने कृषि योजनाओं से जुड़े अभिलेख मांगे, हड़कंप
बरेली। कृषि योजनाओं में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है इसमें तमाम घपले सामने आने के बाद जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार के आदेश पर की जांच शुरू हो गई है। सीडीओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में कृषि योजनाओं से जुड़े अभिलेख मांगे गए हैं। इससे कृषि विभाग के स्टॉफ खास तौर से भ्रष्ट बाबुओं में हड़कंप मचा है।
पिछले महीने एक शिकायतकर्ता ने कृषि गोष्ठी के बाद जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार से कृषि योजनाओं में घपले की शिकायत की थी। डीएम को सौ पेज की फाइल भी सौंपी गई थी, जिसमें कृषि योजनाओं में घपले से जुड़े सबूत भी थे। जिलाधिकारी ने इस मामले पर गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए सीडीओ जग प्रवेश को कृषि योजनाओं से जुड़े घपले की जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए। सीडीओ ने स्वयं के दिशा निर्देशन में जिला विकास अधिकारी दिनेश कुमार यादव को जांच सौंपी। डीडीओ ने प्रारंभिक जांच में कृषि योजनाओं में घपले से जुड़े तथ्य मांगे हैं। इस जांच में तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर कृषि अशोक कुमार यादव, दीदार सिंह और प्रभारी डिप्टी डायरेक्टर और वर्तमान जिला कृषि अधिकारी धीरेन्द्र चौधरी भी घिरते नजर आ रहे हैं क्योंकि कृषि योजनाओं में अधिकतर घपले इन अधिकारियों के कार्यकाल में ही हुए हैं। भ्रष्टाचार के मामले में कृषि विभाग के दो बाबुओं शिवकुमार और गिरीश पर भी गाज गिर सकती है।
पहले भी हो चुकी है जांच, अफसरों ने दबा दी रिपोर्ट
कृषि विभाग की आत्मा योजना एनएफएसएम किसान पाठशाला कृषि यंत्रीकरण, खाद बीज सब्सिडी, मिनी किट वितरण जैसी योजनाओं में कृषि विभाग के दो बाबुओं शिव कुमार और गिरीश ने किसानों के हिस्से की सब्सिडी अपने खास किसानों, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खातों में भेज दी। इस मामले की जांच के लिए तत्कालीन विधायक केसर सिंह और बहेड़ी विधायक अताउर रहमान के शासन को पत्र लिखने के बाद उस समय के जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने कराई थी। मनरेगा समन्वयक गंगाराम की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने जांच में कृषि विभाग के दो बाबुओं शिवकुमार और गिरीश को स्पष्ट तौर पर दोषी पाया था। मगर, कृषि विभाग ने मनरेगा समन्वय की जांच रिपोर्ट दबा दी और भ्रष्ट बाबूओ पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की। सीएम पोर्टल पर हुई ऑनलाइन शिकायतों पर भी वर्तमान उप कृषि निदेशक अभिनंदन सिंह ने भ्रष्ट बाबू से मोटी डील करके उनको जांच में क्लीन चिट दे दी। कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर द्वारा भ्रष्ट बाबू को हर तरह की जांच में बढ़ाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है ताकि अधिकारियों का भ्रष्टाचार शासन और प्रशासन से पूरी तरह से छुपाया जा सके।