संसद भवन परिसर में हुआ लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन: एडवोकेट सतीश
संसद भवन परिसर में हुआ लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन: एडवोकेट सतीश
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। एससी अधिवक्ता संघ की ओर से राष्ट्रपति को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। इस दौरान संघ के समस्त पदाधिकारी व सदस्य ने नारेबाजी कर केंद्र सरकार के इस कृत्य की भर्त्सना की।
इस मौके पर एससी अधिवक्ता संघ अध्यक्ष एडवोकेट सतीश राजवाल ने डीएम को सौंपे ज्ञापन में कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के नवनिर्मित संसद भवन सेंट्रल विस्टा कैंपस से सौंदर्यकरण के नाम पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर व देश के महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्तियां हटाना लोकतंत्र का गला घोटना है। देश संविधान से चलता है, ना कि तानाशाही से। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की एनडीए सरकार को अब समझ जाना चाहिए कि अब यह तानाशाही रवैया नहीं चलेगा। इस तरह देश के महान सपूतों की मूर्तियां हटाकर आप तानाशाही रवैया अपना रहे हैं, जो कि भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों के सख्त खिलाफ है। इस अवसर पर सतीश राजवाल, धर्मेंद्र कुमार मीवा, अनिल सहगल, डीके वारिया, अरविंद कान्त हितैषी, पंडितजी, विजय प्रबोध, सुंदरलाल, नीरज, मुस्तकीम, राजा, सुनील सागर, मनोज कुमार, गजेंद्र पाल सिंह (पूर्व अध्यक्ष एमबीए), राजकुमार, अरुण, सुशील, विनोद सुभाष नगर, नसीब सैफी, रूबी वर्मा आदि एडवोकेट्स मौजूद रहे।
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