सिपाही ने मांगी कैदी से रिश्वत, शिकायत पर डिप्टी जेलर ने कैदी को पीटा, शिकायत
बाराबंकी। जिला कारागार में कैदी देशराज वर्मा से मिलने उनके अधिवक्ता जे पी यादव पहुंचे थे। पेशी पर आए हुए बंदी पर चप्पल ना होने पर अधिवक्ता जे पी यादव ने कैदी को चप्पल की गुजारिश सिपाही से की सिपाही मधुकर मिश्रा द्वारा चप्पल कैदी को देने के एवज में ₹100 की रिश्वत की मांग की थी जिसकी शिकायत अधिवक्ता जे पी यादव द्वारा जिलाधिकारी, जेल अधीक्षक, मुख्यमंत्री व अन्य उच्च अधिकारियों से की गई थी।
अधिवक्ता जे पी यादव के द्वारा सिपाही मधुकर मिश्रा की लापरवाही व भ्रष्टाचार पर शिकायत करना इतना भारी पड़ गया कि बाराबंकी जिला कारागार के डिप्टी जेलर श्यामा चरण ने जेल के अंदर कैदियों को सुधारने की नसीहत छोड़कर और बिगाड़ने की नसीहत पर पिटाई कर डाली। इससे कैदी को गंभीर चोटे आई है। कैदी को डंडे से मारने के बाद ना ही उनका मेडिकल कराया गया। हालांकि गोपनीय पत्र देशराज के द्वारा अधिवक्ता जे पी यादव को कैदी ने आपबीती सरकारी उत्पीड़न डिप्टी जेलर श्यामा चरण सिंह द्वारा आपबीती में बताया। जिससे अधिवक्ता जे पी यादव द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजी जेल से जेल के संबंध में जब शिकायत की गई तब कैदी को और भी जान का खतरा सताने लगा।
अधिवक्ता जे पी यादव के द्वारा डिप्टी जेलर श्यामा चरण सिंह व सिपाही मधुकर मिश्रा के ऊपर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए पुलिस प्रशासन को प्रार्थना पत्र दे दिया गया है। यदि पुलिस प्रशासन के द्वारा उपरोक्त प्रकरण में मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया तो उस दशा में अधिवक्ता जे पी यादव के द्वारा 156/3 के तहत न्यायालय से मुकदमा पंजीकृत करवाने की बात कही गई है। हालांकि इस संबंध में जिला वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मानव अधिकार के हनन पर बेहद नाराजगी डिप्टी जेलर पर जताई है और डिप्टी जेलर श्यामा चरण सिंह सहित सिपाही मधुकर मिश्रा को सख्त चेतावनी देते हुए दोबारा ऐसा ना करने का कृत्य के आश्वासन भी दिया है।
इस मामले मे रिश्वत मांगने पर सिपाही मधुकर मिश्रा को वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह द्वारा तत्काल प्रभाव से हटाकर दूसरी जगह पर तैनात कर दिया गया है। लेकिन सवाल यही है कि जिला जेल अधीक्षक पीपी सिंह जब इतने गंभीर हैं तो डिप्टी जेलर श्यामा चरण सिंह इतने लापरवाह क्यों है जो मानव अधिकार की खुलेआम धज्जियां उड़ाकर कैदियों को सुधारने के बजाय और बिगाड़ने का काम किया जा रहा है। हालांकि शिकायत पर क्या कार्रवाई होगी यह तो समय बताएगा। फिलहाल डिप्टी जेलर श्यामा चरण सिंह ने मानव अधिकार के साथ-साथ वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह को भी शर्मसार कर दिया है।
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