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Saturday, April 12, 2025
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वेंटीलेटर के अभाव में दम तोड़ रहे बच्चे

जिला महिला अस्पताल में नहीं है वेंटिलेटर, कई बच्चों की हो चुकी है मौत —– नवजात शिशुओं को नहीं मिलती सुविधा, करना पड़ता है रेफर

बदायूं। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यहां तक कि नवजात शिशुओं को भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने ने उनकी मौतें हो रहीं हैं। जनपद के सरकारी अस्पतालों में कई तरह की असुविधाएं फैली हुई हैं। जिला महिला अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल तक में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। जिससे हर महीने में नवजात शिशुओं की मौतें हो रहीं हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने कई वार विभाग और शासन से मांग भी की मगर अभी तक स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है।

जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति ठीक नहीं है। एक लम्बे समय से जिले में सरकारी डॉक्टरों की कमी है। जिससे जनपद के कई स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक नहीं है। क्षेत्रीय लोग जिला अस्पताल दौड़ कर आते हैं। जिला महिला अस्पताल कई सालों से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। जो महिला चिकित्सक यहां पर तैनात हैं उनमें से दो या तीन ही ड्यूटी पर रहती हैं शेष अवकाश पर रहती हैं जिससे अस्पताल में महिला मरीजों की हर रोज लाइन लगती है।

जिला महिला अस्पताल में हार रोज दर्जन भर से अधिक प्रसूताओं के प्रसव कराए जाते हैं। इन प्रसूताओं के पेट से जन्म लेने वाले शिशु कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त होते हैं इन्हे ऐसी स्थिति में वेंटिलेटर की जरूरत होती है। बेंटी लेटर न होने से या तो नवजात दम तोड़ देते हैं या फिर उन्हे बाहर के लिए रेफर कर दिया जाता है। इनमें सबसे अधिक परेशानी उन प्रसूताओं को होती है जो गरीब तबके की होती हैं। सक्षम परिवार के लोग तो बाहर उपचार करा लेते हैं मगर आर्थिक रूप से कमजोर लोग भारी भरकम खर्च नहीं उठा पाते हैं जिससे नवजात की मौत हो जाती है। दशकों से बनी इस समस्या के बारे में विभाग ने उच्च अधिकारियों और शासन को भी अवगत कराया है मगर किसी ने इस समस्या पर ध्यान नही दिया। महिलाओं का कहना है कि महिला अस्पताल में वेंटिलेटर होना चाहिए।

जिला महिला अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं होने से महिला चिकित्सकों को भी परेशानी होती है। कभी कभी नवजात की हालत बिगड़ने पर उसके परिजन हंगामा करने लगते हैं। इस मामले में विभाग की ओर से कई बार डिमांड मांगी गई तो वेंटिलेटर की मांग भी की गई मगर किसी ने ध्यान नही दिया। प्रसव के बाद कभी कभी नवजात की हालत बिगड़ जाती है तो वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है । लेकिन यहां पर यह सुविधा नहीं है जिससे नवजात को बाहर रेफर करना पड़ता है।

डॉ. इंदु कांत वर्मा – सीएमएस जिला महिला अस्पताल  

जिला अस्पताल में भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। वेंटिलेटर की कमी से कई बार स्थिति बिगड़ जाती है ऐसे में मरीज को बाहर रेफर करना पड़ता है। सरकार द्वारा जहां तमाम स्वास्थ्य संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं वहीं एक वेंटिलेटर की आवश्यकता को भी पूरा किया जाए जिससे मरीजों को बाहर को रेफर न करना पड़े।

डा. कप्तान सिंह – सीएमएस जिला अस्पताल

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