लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में वित्तीय वर्ष 2023-24 में विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों हेतु 499 मा० सदस्यों हेतु प्रथम किश्त के लिए अन्तर की धनराशि प्रति सदस्य रू0 1.00 करोड़ (जी०एस०टी० सहित) की दर से धनराशि रू0 499.00 करोड़ (जी०एस०टी० सहित) तथा 02 रिक्त विधान सभा एवं 02 रिक्त विधान परिषद की सीटों पर नवनिर्वाचित 04 सदस्य गण हेतु रू0 2.50 करोड़ (जी०एस०टी० सहित) की दर से धनराशि रू0 10.00 करोड़ (जी०एस०टी०सहित) अर्थात कुल धनराशि रू0 509.00 करोड़ (रु० पाँच सौ नौ करोड़ मात्र ) जी०एस०टी० सहित को प्रथम किश्त के रूप में अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदान की गयी है। इस संबंध में आवश्यक शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है ।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्वीकृत की गयी धनराशि का व्यय विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के मार्गदर्शी सिद्धांतों में उल्लिखित व्यवस्था / प्रावधानों तथा इस निमित्त समय-समय पर जारी शासनादेशों के अनुसार ही किया जाय। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सम्बन्धित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी द्वारा स्वीकृत की गयी धनराशि की जानकारी तथा शासनादेश की प्रति अपने-अपने जनपद से सम्बन्धित मा० विधान सभा / विधान परिषद सदस्यों को एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध करा दी जाय।
गौरतलब है कि 12 मई 2023 को विधान मण्डल के दोनों सदनों के 499 सदस्यों (401 सदस्य विधान सभा + 98 मा० सदस्य विधान परिषद) को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास कार्यों हेतु विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023- 2024 की प्रथम किश्त हेतु प्रति सदस्य रू0 1.50 करोड़ की दर से कुल धनराशि रू० 74850.00 लाख जी०एस०टी० सहित (रु० सात अरब अड़तालीस करोड़ पचास लाख मात्र) अवमुक्त की जा चुकी है।
विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के मार्गदर्शी सिद्धान्तों में संशोधन (दिनांक 03.07.2023 ) के अन्तर्गत विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि की धनराशि प्रति सदस्य रू0 3.00 करोड़ (जी०एस०टी० सहित ) से बढ़ाकर रू0 5.00 करोड़ (जी०एस०टी० सहित) कर दी गयी है। इसके दृष्टिगत प्रति मा० सदस्य हेतु प्रथम किश्त की धनराशि रू0 2.50 करोड़ परिगणित होती है। जारी शासनादेश में निर्देश दिए गए हैं कि आहरित की जाने वाली धनराशि सम्बन्धित डीआरडीए के डिपाजिट खाते में स्थानांतरित की जायेगी एवं इस डिपाजिट खाते से इसका व्यय विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के मार्गदर्शी सिद्धांतों तथा इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी शासनादेशों के अनुसार किया जायेगा। विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने की कार्यवाही का दायित्व सम्बंधित मुख्य विकास अधिकारी का होगा।