दर्जनों अधिवक्ताओं ने भ्रष्टाचार को बताया चरम सीमा पर
फरीदपुर (बरेली)। तहसील दिवस में अधिवक्ताओं ने तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर एक ज्ञापन नायब तहसीलदार दिव्यांशी सिंह को सौंपा और जांच कर कार्रवाई की मांग की। अधिवक्ताओं ने कहा कि दाखिल खारिज में जानबूझकर नाम में गल्ती कर नाम संशोधन के नाम पर जमकर उगाही का आरोप लगाया है। गोपनीय जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
अधिवक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि काफी दिनों से दाखिल खारिज प्रक्रिया लम्बित होना, पुरानी साइड की टाल मटोल तथा वगैर सुविधा लिए दाखिल खारिज न करना, साक्ष्य के अभाव में पत्रावली निरस्त कर देना तथा रिटायर्ड पेशकार तहसीलदार द्वारा पत्रावलियों में हेरफेर करना तथा आरोप है कि राजस्व निरीक्षक द्वारा यह कहना की मेरा रिटायर होने में समय नहीं बचा है अव वगैर सुविधा शुल्क काम नहीं करेंगे तथा लाइसेंस रिन्यूवल में मोटी रकम पेशकार एवं प्राइवेट कर्मचारियों द्वारा लेना सहित अन्य तमाम भ्रष्टाचार के खिलाफ आरोप लगाते हुए अधिवक्ताओं ने प्रार्थना पत्र तहसील दिवस में दिया।
ज्ञापन का नेतृत्व करते हुए तहसील बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव वरिष्ठ समाजसेवी अमित कुमार सिंह तोमर एडवोकेट ने कहा कि यदि शीघ्र जांच कर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तक भेजेंगे और एक्शन करवा कर ही मानेंगे। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से हरमेश सिंह यादव, अभिषेक शर्मा, धर्मेंद्र मौर्य, राजेश कुमार मौर्य, विजय पाल सिंह यादव, अजीत प्रताप सिंह, राजीव यादव, हरीशंकर अग्निहोत्री, वीरपाल सिंह पाल, राजेन्द्र पाल, प्रवेश त्रिवेदी, पवन श्रीवास्तव, कुंवर पाल कश्यप, उमा शंकर, रजनीश कश्यप सहित अन्य दर्जनों अधिवक्ता उपस्थित रहे जबकि सुंदर लाल यादव सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भी तहसील में अत्यधिक भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और कहा कि भ्रष्टाचार के कारण गरीब जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।