16.2 C
Bareilly
Thursday, December 26, 2024
spot_img

तुरंत आराम देने वाली 14 दवाओं पर सरकार ने लगाया प्रतिबंध, विशेषज्ञ समिति की सलाह पर फैसला

दिल्ली। भारत सरकार ने 14 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर रोक लगा दी है। ये दवाएं अब बाजार में नहीं मिलेंगी। इनमें कई दवाएं ऐसी हैं, जो फटाफट आराम तो देती हैं, लेकिन इनसे लोगों को नुकसान भी होता है। केंद्र सरकार ने विशेषज्ञ समिति की सलाह पर यह कदम उठाया है। इन दवाओं में दो या दो से अधिक दवाओं के मिश्रण होते हैं।

एक्सपर्ट कमेटी का कहना है कि इन दवाइयों का असल में कोई डॉक्टरी औचित्य नहीं है। फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन के कारण आदमी को नुकसान भी हो सकता है। जनहित को देखते हुए हमें इन दवाइयों के निर्माण, बिक्री और सप्लाई पर रोक लगाना पड़ा।

ये भी पढ़िए 👉दिल्ली की लाइफ लाइन यमुना नदी को निर्मल बनाने के लिए देश के कोने-कोने से आए पर्यावरणविद

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की है। प्रतिबंधित दवाओं में सामान्य संक्रमण जैसे सर्दी खांसी, कफ, बुखार को ठीक करने वाली निमेसुलाइड और पैरासिटामोल टैबलेट के अलावा क्लोफेनिरामाइन मेलेट और कोडाइन सिरप का कांबिनेशन, फोल्कोडाइन और प्रोमेथाजाइन, एमोक्सोलिन और ब्रोहेक्साइन हैं। इनके अलावा ब्रोहेक्साइन और डेक्सट्रोमेथोरफैन और अमोनियम क्लोराइड और मेंथोल, पैरासिटामोल और ब्रोहेक्साइन और फेनाइलेफराइन और क्लोरफेनिरामाइन और गुइफेंसिन और सैलबुटामोल और ब्रोहेक्साइन के कॉम्बिनेशन वाली दवा शामिल हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की है। प्रतिबंधित दवाओं में सामान्य संक्रमण जैसे सर्दी खांसी, कफ, बुखार को ठीक करने वाली निमेसुलाइड और पैरासिटामोल टैबलेट के अलावा क्लोफेनिरामाइन मेलेट और कोडाइन सिरप का कांबिनेशन, फोल्कोडाइन और प्रोमेथाजाइन, एमोक्सोलिन और ब्रोहेक्साइन हैं। इनके अलावा ब्रोहेक्साइन और डेक्सट्रोमेथोरफैन और अमोनियम क्लोराइड और मेंथोल, पैरासिटामोल और ब्रोहेक्साइन और फेनाइलेफराइन और क्लोरफेनिरामाइन और गुइफेंसिन और सैलबुटामोल और ब्रोहेक्साइन के कॉम्बिनेशन वाली दवा शामिल हैं।

इन दवाइयों पर लगाया प्रतिबंध-

निमेसुलाइड + पेरासिटामोल गोलियां

क्लोफेनिरामाइन मैलेट + कोडीन सिरप

फोल्कोडाइन + प्रोमेथाजीन

एमोक्सिसिलिन + ब्रोमहेक्सिन

ब्रोमहेक्सिन + डेक्स्ट्रोमेथोर्फन + अमोनियम क्लोराइड + मेन्थॉल

पेरासिटामोल + जैसे संयोजन ब्रोमहेक्सिन+ फिनाइलफ्राइन + क्लोरफेनिरामाइन + गुआइफेनेसिन और सालबुटामोल + ब्रोमहेक्सिन

इन दवाओं से हो सकता है खतरा

विशेषज्ञ समिति का कहना है कि इन मिश्रण वाली दवाओं का कोई उपचारात्मक औचित्य नहीं है और इनसे खतरा हो सकता है इसीलिए व्यापक जनहित में इनके निर्माण, वितरण और बिक्री पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक अधिनियम-1940 की धारा 26 के तहत प्रतिबंध लगाना जरूरी है।

कॉम्बिनेशन देखकर खरीदें दवा….ऐसी हर दवा के ऊपर उसका फार्मेशन यानि जेनेरिक नाम लिखा होता है। इसमें साफतौर पर बताया जाता है कि इन दवाओं के सॉल्ट का मिश्रण क्या है। ऐसे में दवा खरीदते समय इसके ऊपर इसके लिखे कॉम्बिनेशन को जरूर देख लेना चाहिए।

क्या होती हैं एफडीसी दवाएं ?

फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) ऐसी दवा होती है, जो दो या दो से अधिक दवाओं के संयोजन से तैयार होती है। इन्हें ‘कॉकटेल’दवाएं भी कहा जाता है। एफडीसी दवा को लेकर अक्सर बहस भी होती रही है कि ऐसे कॉम्बिनेशन बनाए जाने चाहिए या नहीं। अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में एफडीसी दवाओं की प्रचुरता पर रोक है। माना जाता है कि एफडीसी दवाएं सबसे ज्यादा भारत में बिकती हैं। उधर फार्मा ट्रेडर्स एसोसिएशन के जिला रामपुर अध्यक्ष ओ पी आहूजा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है । उन्होंने कहा कि इन दवाओं के कई कम्बीनेशन मात्र नशे में इस्तेमाल हो रहे थे । आर्गनाइजिंग ऑफ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ओसीडीयूपी (रजि.) के प्रदेश उपाध्यक्ष जयदीप गुप्ता ने जनपद रामपुर के समस्त दवा विक्रेताओं से अपील की है युक्त दवाओं की बिक्री रोक दी जाए।ओर जो स्टॉक आपके पास है उसे सम्बन्धित विक्रेता को वापिस कर उसकी प्राप्ति रसीद सुरक्षित रख लें।

जिला औषधि निरीक्षक मुकेश कुमार ने हमें बताया खाद्य सुरक्षा एवम् औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश से उक्त सम्बन्ध में आदेश प्राप्त हो गया है । तथा जनपद रामपुर के समस्त दवा विक्रेताओं से अपील की जाती है कि उक्त दवाओं तुरन्त वापिस कर दें । दवाओं की बाजार में बिक्री होने पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 रूल्स 1945 की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही की जायेगी । ओर एक्ट में प्राप्त शक्तियों के अनुसार दवाओं की जब्तीकरण की कार्यवाही की जायेगी।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles