नोएडा: आम्रपाली ग्रुप से जुड़े एक बड़े फ्रॉड का खुलासा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही जांच में पाया गया कि ग्रुप के रिकॉर्ड में दर्ज 3,000 से ज्यादा फ्लैट्स के कोई दावेदार सामने नहीं आए हैं। ये फ्लैट्स आम्रपाली ग्रुप ने बेचे हुए बताए थे, लेकिन हकीकत में इनका कोई खरीदार मौजूद नहीं है।
फ्रॉड और बेनामी संपत्तियों का पर्दाफाश
सूत्रों के अनुसार, इन फ्लैट्स को बेनामी संपत्तियों के रूप में काली कमाई खपाने के लिए इस्तेमाल किया गया। बताया जा रहा है कि आम्रपाली ग्रुप के चेयरमैन अनिल शर्मा ने नेताओं और नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ मिलकर यह सारा सिंडिकेट चलाया।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन बेनामी फ्लैट्स को नीलाम करने की तैयारी शुरू हो गई है। कोर्ट की देखरेख में आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स का काम पूरा करवाया जा रहा है, जिससे फ्लैट खरीदारों को राहत मिल सके।
फ्लैट्स के असली मालिकों पर सवाल
जिन फ्लैट्स के रिकॉर्ड आम्रपाली के पास मौजूद हैं, उनके दावेदार सामने न आने से मामला और संदिग्ध हो गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि असली मालिक अपने गैर-कानूनी धन का भेद खुलने के डर से चुप हैं।
भविष्य में हो सकते हैं और बड़े खुलासे
इस नीलामी से न सिर्फ इन फ्लैट्स का असली सच सामने आएगा, बल्कि इसमें शामिल नेताओं, अधिकारियों और बिल्डरों की मिलीभगत का भी पर्दाफाश होने की संभावना है। यह मामला नोएडा और देश के रियल एस्टेट सेक्टर में भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्तियों पर सख्त कार्रवाई की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
आम्रपाली केस: अब तक का घटनाक्रम
आम्रपाली ग्रुप पर पहले भी हजारों फ्लैट खरीदारों को ठगने का आरोप लग चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अब इन 3,000 फ्लैट्स की नीलामी और जांच से साफ हो जाएगा कि यह घोटाला कितना बड़ा था।