आगरा: देश में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए आदिशक्ति वैदिक ज्योति धाम की स्थापना का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस धाम के भूमि-पूजन एवं ध्वजारोहण समारोह का आयोजन 22 दिसंबर 2024 को आगरा के संस्कार पब्लिक स्कूल, बाद ग्वालियर रोड पर बड़े धूमधाम से हुआ। केंद्रीय मंत्री श्री एसपी सिंह बघेल इस पवित्र आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जिन्होंने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की शुरुआत की और भूमि-पूजन किया।
समारोह की संयोजक महामंडलेश्वर योगिनी गुरु मां राधा सरस्वती जी रहीं, जिनके मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। गुरु मां राधा सरस्वती जी ने आदिशक्ति वैदिक ज्योति धाम के शिलान्यास के साथ ही सनातन धर्म की महत्वपूर्ण शिक्षाओं और भारतीय संस्कृति की धरोहर को सशक्त रूप से संरक्षित करने का संकल्प लिया।
आदिशक्ति वैदिक ज्योति धाम की स्थापना का उद्देश्य:
आदिशक्ति वैदिक ज्योति धाम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सनातन संस्कृति और वैदिक परंपराओं को बढ़ावा देना और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना है। इस धाम के माध्यम से न केवल धार्मिक शिक्षा दी जाएगी, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जहाँ विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोग एकत्रित हो सकते हैं।
समारोह के दौरान महामंडलेश्वर योगिनी गुरु मां राधा सरस्वती जी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि यह धाम न केवल एक धार्मिक स्थल होगा, बल्कि यह शांति, सद्भाव और मानवता के संदेश का वाहक बनेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस धाम के माध्यम से समाज में अच्छे संस्कारों और धार्मिक जागरूकता का प्रचार-प्रसार किया जाएगा, जिससे समाज में सामाजिक सौहार्द बढ़ेगा।
समारोह में प्रमुख गणमान्य व्यक्ति:
इस ऐतिहासिक अवसर पर कई प्रमुख समाजसेवी, राजनेता और धार्मिक नेता उपस्थित थे। व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री रविकांत गर्ग ने आदिशक्ति वैदिक ज्योति धाम की स्थापना को गर्व का विषय बताते हुए कहा कि यह धाम न केवल आगरा बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगा। उन्होंने इस धाम की स्थापना को एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम बताया, जो समाज के हर वर्ग को जोड़ने और उनके बीच एकजुटता को बढ़ावा देने का काम करेगा।
वरिष्ठ समाजसेवी संजीव गुप्ता, जो बरेली से आए थे, ने आदिशक्ति वैदिक ज्योति धाम के शिलान्यास समारोह को सनातन जागरूकता का एक केंद्र करार दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी हैं, और हमें गर्व है कि हम इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बने हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम को भारतीय संस्कृति को सम्मानित करने और संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस मौके पर मध्यप्रदेश की समाजसेवी श्रीमती संजना कसाना, समाजसेविका महारानी वर्षा सिंह (भोपाल), फतेहपुर सीकरी के विधायक श्री राजकुमार चाहर, अहमदाबाद के डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन न्यायाधीश सुरेश सिंघल, आगरा की जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदोरिया, प्रतापगढ़ के अपर जिला जज सुमित कुमार, पूर्व आईपीएस लक्ष्मी नारायण और अन्य प्रमुख समाजसेवी और जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। इन सभी सम्मानित व्यक्तित्वों ने इस आयोजन की सराहना की और धाम की स्थापना को देश और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
कार्यक्रम में भक्तों की बड़ी संख्या में उपस्थिति:
समारोह में दूर-दराज से आए भक्तों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। इन भक्तों ने इस अवसर पर ध्वजारोहण और पूजा-अर्चना की, और अपने आशीर्वचन से कार्यक्रम को और भी पवित्र बना दिया। समारोह के दौरान भक्तगणों ने गुरु मां राधा सरस्वती जी की शिक्षाओं को ग्रहण किया और धाम की सफलता के लिए प्रार्थना की। कार्यक्रम में शामिल हुए जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने अपने भाषणों में इस धाम की स्थापना को एक ऐतिहासिक अवसर बताया और कहा कि इस धाम के माध्यम से न केवल धार्मिक कर्तव्यों की शिक्षा दी जाएगी, बल्कि यह समाज में भक्ति और संस्कारों का प्रचार-प्रसार भी करेगा।
समारोह का समापन और भविष्य की दिशा:
कार्यक्रम के समापन पर महामंडलेश्वर योगिनी गुरु मां राधा सरस्वती जी ने इस पवित्र कार्य के लिए सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि यह धाम केवल धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह एक शांति, एकता और भाईचारे का प्रतीक बनेगा। इस धाम में विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक, धार्मिक और समाजसेवी गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों के लोग एकजुट हो सकेंगे और भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ सकेंगे।
गुरु मां ने यह भी कहा कि आदिशक्ति वैदिक ज्योति धाम आने वाले वर्षों में समाज की समृद्धि और शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने सभी भक्तों और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस धाम के निर्माण में अपना योगदान दें, ताकि यह धाम समाज में एक नई दिशा और ऊर्जा का संचार कर सके। आदिशक्ति वैदिक ज्योति धाम का शिलान्यास न केवल आगरा बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरेगा। यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक ऐतिहासिक पल साबित होगा और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।