सिर दर्द की दवा लेने गई गर्भवती का पैसों के लालच में किया गलत इलाज..
सीएचसी से थोड़ी दूर पर संचालित अवैध क्लीनिक का मामला..
उन्नाव औरास। स्वास्थ विभाग की आंखो में धूल झोंक कर क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित अस्पताल पैसों के लालच में मरीजों की जिंदगी से खेल रहे हैं वहीं जिम्मेदार जान कर भी अंजान बने हुए हैं।
मामला थाना क्षेत्र के मिर्जापुर अजिगांव के मजरे निरखी खेड़ा का है जहां निवासी बाबूलाल ने मुख्यचिकित्साधिकारी व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उसकी विवाहित बेटी दीपा पत्नी सोहन जो 8 माह की गर्भवती थी सिर में दर्द होने पर घर से कुछ दूरी पर स्थित लक्ष्य क्लीनिक पर दवा लेने गई। डाक्टर सर्वेश ने सिर दर्द की दवा न देकर पैसों के लालच में गलत इलाज शुरू कर दिया जिससे दीपा की बेहोशी हालत बिगड़ते ही डाक्टर ने 8000 रुपए की मांग की हालत में सुधार न देख झाड़ फूक की बात कह कर मौके से फरार हो गया । परिजन प्रसूता को लेकर मेडिकल कॉलेज क्वीन मेरी लखनऊ ले गये । जहां प्रसूता की जान खतरे में बताई गई और गलत दवा के चलते बच्चे की मौत हो गई ।
सीएचसी से 200 मीटर पर अवैध क्लीनिक जिम्मेदार बेखबर
परिजनों ने बताया कि राजेश यादव व आरोपी चिकित्सक नामक व्यक्ति ने एक्सप्रेस वे की सर्विस लेन पर अवैध रूप क्लीनिक संचालित कर रखा है जो कि सीएचसी से महज 200 मीटर पर संचालित है। हैरानी की बात है कि स्वास्थ्य विभाग बेखबर है और कोई कार्रवाई नहीं है।
क्या बोले जिम्मेदार ..
इस संबंध में स्वास्थ्य प्रभारी डा अनूप तिवारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है मानकों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाऐगी ।
कार्रवाई या फिर खानापूर्ति.. ?
मानक विहीन अवैध रूप से संचालित क्लीनिक व अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी साफ नजर आती है क्योंकि अस्पताल सील होने के कुछ घंटो बाद ही खुले नजर आते हैं । पूर्व में जानलेवा अस्पतालों में प्रसूता व मरीजों की जाने गई लेकिन संचालकों पर कोई समुचित कार्रवाई नहीं हो सकी ।