उप्र में मदरसों का मान्यता दिए जाने की मांग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने प्रमुख सचिव को लिखा पत्र
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य काजी शादाब ने गत दिनों उप्र के मदरसों को मान्यता न दिए जाने तथा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के विरूद्ध हो रही कार्यवाही को रोके जाने के सम्बन्ध में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्या रिनचेन ल्हामो को पत्र लिखा था। पत्र का संज्ञान लेते हुए उप्र सरकार के मुख्य सचिव को लिखा गया है।
पत्र में भाजपा नेता काजी शादाब ने बताया, उप्र सरकार ने प्रदेश के नए मदरसों को पिछले 8 वर्षों से मान्यता नहीं दी है। मानक पूरे करने वाले लगभग 100 मदरसों की मान्यता की फाइल उप्र मदरसा शिक्षा बोर्ड में लम्बित है, जिनको उप्र शासन द्वारा मान्यता नहीं दी जा रही है, उल्टे गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। उप्र सरकार द्वारा नए मदरसों को मान्यता न दिए जाने के कारण बच्चों को दीनी तालीम प्राप्त करने में परेशानी हो रही है। इस कारण से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या बढ़ती जा रही है और जिनको उप्र सरकार द्वारा बन्द कराने की कार्यवाही की जा रही है।
उप्र के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देशित कर तत्काल प्रभाव से नए मदरसों को मान्यता दिए जाने तथा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के विरूद्ध की जा रही कार्यवाही को रोके जाने का आदेश दिए जाने की मांग राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से भाजपा नेता ने की थी। पत्र को संज्ञान में लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्या रिनचेन ल्हामो ने उप्र के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है।
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