भगवान पारसनाथ का निर्वाण महोत्सव धूमधाम से मनाया गया
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। दिगंबर जैन मंदिर आनंदपुरी में भगवान पारसनाथ का निर्वाण महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। श्री पारसनाथ भगवान को पांडुकशिला पर विराजमान कर अभिषेक किया गया, तदुपरांत शांति धारा की गई, जिसका श्रेय सुनील जैन प्रवक्ता, अरुण जैन, अनंत वीर जैन एवं अतुल जैन को प्राप्त हुआ।
देव शास्त्र गुरू महावीर भगवान तथा श्री पार्श्वनाथ भगवान की पूजा की गई, उसके पश्चात निर्वाण कांड पढ़कर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। यह 23 किलोग्राम का लाडू अरुण जैन, अंशुल जैन एवं परिवार की ओर से अर्पित किया गया। प्रभावना मुकेश जैन एवं रीना जैन खतौली वालों की तरफ से बांटी गई। जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर श्री पारसनाथ का जन्म बनारस में हुआ तथा निर्वाण झारखंड स्थित शिखरजी पर्वत से हुआ। जैन धर्म के अनुसार जिसका मोक्ष हो जाता है, उसका मनुष्य भव में जन्म लेना सार्थक हो जाता है। जब तक संसार है तब तक चिंता रहती है, जहां कर्मो का पूर्णरूपेण क्षय हो जाता है, वहीं मोक्ष हो जाता है। शाम को 48 दीपों से भगवान की आरती की गई। इन सभी क्रियाओं में राजीव जैन, विनय जैन तथा अचल जैन, असीम का विशेष सहयोग रहा।
भगवान पारसनाथ का निर्वाण महोत्सव मनाया
दूसरी ओर, दिगंबर जैन मंदिर रेलवे रोड स्थित जैन धर्मशाला में भगवान पारसनाथ का निर्वाण महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। श्री पारसनाथ भगवान को पांडूक शिला पर विराजमान कर अभिषेक किया गया। सोधर्म ईशान इंद्र के रूप में मयंक जैन एवं गौरव जैन ने देव शास्त्र गुरु पार्श्वनाथ भगवान की पूजा की, उसके पश्चात निर्वाण कांड पढ़कर लाडू चढ़ाया गया। जैन धर्म के अनुसार श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया जाता है। 48 दीपों से भक्तांबर आरती की गई।
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