व्यक्तित्व पर नियंत्रण कर अपने विकास पर काम करो: प्रो. पवन सिन्हा
-रील पर मत जाओ रीयल बनो, अपने दम पर खड़े हो, राम और कृष्ण राज्य से सीखो बलवान बनो
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। व्यक्तित्व पर नियंत्रण कर अपने विकास पर काम करो। अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र हो आगे बढो। मोबाइल से बाहर निकलो, रील पर नहीं रीयल बनो और अपने दम पर खडे हो। भगवान राम ने रामराज्य की कल्पना दी, भगवान श्रीकृष्ण ने कृष्ण राज्य की कल्पना दी। सभी ने अपने व्यक्तित्व पर काम किया, उसके बाद राज्य और राष्ट्र को प्राथमिकता दी। व्यक्ति के रूप में बलवान बनकर उभरो तो किसी भी परेशानी का सामना करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। यह बात शुक्रवार को तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल और पावन चिंतन धारा आश्रम के संयुक्त तत्वावधान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि आध्यात्मिक गुरु प्रोफेसर पवन सिन्हा ने कहीं।
उन्होंने कहा कि यह हमारे पूर्वजों गलती है कि हमने राम राज्य और भगवान श्री कृष्ण के राज्य के बारे में आप लोगों को नहीं बताया, स्वामी विवेकानंद के साधारण व्यक्तित्व ने अपने विचारों से पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। उनसे सीखने की आवश्यकता है केवल विशेष दिनों में उनके चित्र पर फूल माला चढ़ाने से कुछ नहीं होगा, उन्होंने कहा कि यदि आपके माता-पिता रईस है तो इसमें आपका क्या योगदान है, उनके पैसों पर नहीं अपने बल पर ईमानदारी से कंफर्ट जोन से बाहर निकलते हुए खड़े हो, आपको तीन चीजों पर विशेष ध्यान देना है, देश में क्या हो रहा है अपने सिलेबस और अपने इतिहास के बारे में जानकारी रखनी है। चकाचौंध भारी प्रपंचों से बाहर निकालो, यह आपको कायरता सिखाता है। भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण के अनुयाई बनकर सीधे खड़े हो, तब दुनिया आपको विश्व गुरु मानेगी अन्यथा नहीं। बहुत लोगों ने अपने दम पर मुकाम पाया और उन लोगों को सुनने के लिए भीड़ जुट जाती है। उनके जैसा बनो। उन्होंने कहा कि माता-पिता के पैसों पर नहीं कुछ बनना है, अपना मार्ग स्वयं चुनो और उसे पर आगे बढ़ो भगवान श्री कृष्णा और नारद से सीख लेते हुए अपने माता-पिता को कुछ बनकर दिखाओ।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 ने दो मुख्य तत्वों को रेखांकित किया है, पहले शिक्षा और दूसरा भारतीय संस्कृति पर गर्व व बहुमुखी प्रतिभा का विकास। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय इस कार्य को अच्छी प्रकार से संपादित कर रहा है, भारतीय ज्ञान सार्वकालिक है। भारतीय ज्ञान में आज तक जो भी कहा गया है वह प्रासंगिक है और पूरी दुनिया उसको सच मानती है। उन्होंने कहा कि देव ऋषि नारद और भगवान श्री कृष्णा पर आधारित नाटक मंचन से आप सभी युवा एक अच्छा संदेश लेकर जाओगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने की। कार्यक्रम का संचालन बीनम यादव ने किया। तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार ने सभी का परिचय व धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, वित्त अधिकारी रमेश चंद्र, कुलानुशासक प्रो. बीरपाल सिंह, प्रो. अनिल मलिक, प्रो. विजय मलिक, प्रो. जयमाला, प्रो. बिन्दु शर्मा, अश्वनी गुप्ता, अरविंद मारवाडी, वीनस शर्मा, डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव, डॉ. दीपिका वर्मा, लव कुमार, मितेंद्र कुमार गुप्ता, सुरेंद्र कुमार, श्याम बिहारी शर्मा, वेदव्रत आर्य, जगत सिंह दौसा, चिराग गुप्ता एवं तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के सभी छात्र तथा छात्राएं मौजूद रहे।
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