सिरसा: (सतीश बंसल) हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर सिरसा के मीडिया सैंटर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र भाटिया, इंद्रमोहन शर्मा, डा. गुलाब सिहाग, स. बलजीत सिंह, गुरजीत मान, प्रभु दयाल, राजेंद्र ढाबां, सूरज भारद्वाज, प्रदीप सचदेवा, अमित तिवाड़ी, सुधीर आर्य, महेंद्र घणघस, भूपेंद्र पंवार, नवदीप सेतिया, हितेश चतुर्वेदी, नकूल जसुजा, सतनाम सिंह, पंकज धींगड़ा, विकास तनेजा, प्रवीण कौशिक सहित अनेक पत्रकार मौजूद थे।
वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र भाटिया ने कहा कि 30 मई 1826 को प्रकाशित हुआ पहला हिंदी का समाचार पत्र उदंत मार्तंड आज भी हिंदी के पत्रकारों के लिए ऊर्जा का स्रोत बना हुआ है। उन्होंने 80 और 90 की दशक की पत्रकारिता के कुछ किस्से भी सांझे किए। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार इंद्रमोहन शर्मा ने कहा कि आज पत्रकारिता का स्वरूप बदला है। वक्त के साथ चुनौतियों में भी बदलाव आया है और हमें इन चुनौतियों से निपटने के लिए स्वयं को अपडेट रखना चाहिए। है। उन्होंने वर्तमान समय में हिंदी पत्रकारिता में वाक्य अशुद्धि एवं व्याकरण अशुद्धियों को लेकर भी चिंता जाहिर की। एडवोकेट बलजीत ङ्क्षसह ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता के माध्यम से लोगों की भावाभिव्यक्ति सरलता से व्यापक क्षेत्रों तक पहुंच रही है। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र ढाबां ने पत्रकारों की एकता पर जोर दिया तो गुरजीत मान ने पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों पर बात रखी। प्रदीप सचदेवा ने कहा कि इंटरनेट ने हिंदी पत्रकारिता को मजबूती देने के साथ ही रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराए हैं। नवदीप सेतिया ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने सदैव समाज की समस्याओं, जरूरतों को ध्यान में रखा है।