हम इस एल्बम के जरिए एक-दूसरे को समझने की कोशिश करना चाहते हैं: आरिफ नकवी
हम इस एल्बम के जरिए एक-दूसरे को समझने की कोशिश करना चाहते हैं: आरिफ नकवी
-सीसीएसयू के उर्दू विभाग में ‘अदबनुमा’ के तहत आरिफ नकवी के “यादें” एल्बम का विमोचन
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। जब मैं किसी व्यक्ति को देखता हूं तो सोचता हूं कि अगर मैं उसकी जगह होता तो मैं क्या करता, हमारे परिवार में कई लोग एक-दूसरे से बात नहीं करते पहल कौन करता है, इसका सभी को इंतजार रहता है. राजनीति में हम लोग एक दूसरे को दुश्मन समझने लगते हैं. कवि सोचता है कि मैं सबसे बड़ा कवि हूँ। हम इस एल्बम के जरिए एक-दूसरे को समझने की कोशिश करना चाहते हैं।’ ये शब्द थे जर्मनी के जाने-माने लेखक आरिफ नकवी के जो उर्दू विभाग,चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल यंग उर्दू स्कॉलर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित “आरिफ नकवी के एल्बम यादें का विमोचन कार्यक्रम” में अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान बोल रहे थे।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत बीए ऑनर्स के छात्र अब्दुल कादिर ने पवित्र कुरान की। तिलावत और तौफीक बिश्र ने नात पेश करके की। कार्यक्रम का संयोजन उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रो. असलम जमशेदपुरी एवं गीतकार नवदीप सिद्धू जर्मनी ने किया। डॉ. अक्षय भट्टाचार्य जर्मनी, डॉ. असीम कादरी बर्लिन, शाहिद सिद्दीकी दिल्ली, रियाज़ शेख बर्लिन, नरगिस युंत्रा जर्मनी, बागबान इंट जर्मन के संपादक जहूर अहमद, लोकप्रिय कवि और इमाम मस्जिद बर्लिन, निदेशक तहरीक अदब बनारस के डॉ. जावेद अनवर और आयुसा की अध्यक्षा प्रो. रेशमा परवीन ने ऑनलाइन भाग लिया। स्वागत भाषण डॉ. आसिफ अली, परिचय डॉ. इरशाद स्यानवी और संचालन विभाग के शोधार्थी इरफान आरिफ ने किया। धन्यवाद रिसर्च स्कॉलर सैयदा मरियम इलाही ने अदा किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डॉ. इरशाद “स्यानवी ने कहा कि बहुत कम हस्तियां ऐसी होती हैं जो अपनी साहित्यिक, राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक स्मृतियों को संजोकर रखती हैं। आरिफ साहब ने संबंधों को भी एल्बम के माध्यम से संजोया है जो नई पीढ़ी के लिए एक उपहार है।
प्रो. असलम जमशेदपुरी ने कहा कि आरिफ नकवी को प्रगतिशील आंदोलन के संस्थापक सज्जाद जहीर के साथ देखना आश्चर्य और खुशी की बात है. इस एल्बम को तैयार करने में करीब डेढ़ साल का समय लगा। सभी चित्रों में से कुछ महत्वपूर्ण चित्रों का चयन करना एक बड़ा काम था, लेकिन हमारा प्रयास एल्बम को बेहतर बनाने का था और हमने इस एल्बम को अपने तरह का संभवतः पहला एल्बम बनाने का भी प्रयास किया। यह एल्बम साबित करता है कि इंदिरा गांधी, डॉ. जाकिर हुसैन, राम नाइक, सुनील दत्त, वहीदा रहमान आदि के आरिफ नकवी से कैसे संबंध थे। इस अवसर पर डॉ. शादाब अलीम, डॉ. अलका वशिष्ठ, मुहम्मद शमशाद, श्रुति राज तथा अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।
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