मशीन में आ गया था ऑपरेटर का हाथ, 8 घंटे तक चलती रही सर्जरी
मशीन में आ गया था ऑपरेटर का हाथ, 8 घंटे तक चलती रही सर्जरी
लोकतंत्र भास्कर
ग्रेटर नोएडा। यहां ओमेगा 1 स्थित यथार्थ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 8 घंटे की मैराथन सर्जरी के बाद दादरी के एक 44 वर्षीय फैक्ट्री कर्मचारी को ठीक किया गया. पीड़ित के दाहिने हाथ की उंगलियां बुरी तरह कुचल गई थीं और कट गई थीं. मरीज की इमरजेंसी हालत को देखते हुए मल्टी डिसीप्लिनरी डॉक्टरों की टीम को इलाज के लिए लगाया गया. पूरी रात मरीज का इलाज किया गया. हादसे के बाद 6 घंटे गोल्डन पीरियड होते हैं, जिनमें ब्लड सप्लाई को रिस्टोर किया जाता है, ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टरों को दिखाना जरूरी होता है. डॉक्टरों ने यहां जल्दी दिखाई और पीड़ित के अंगों को बचाते हुए हाथ के पूरे फंक्शन को संरक्षित किया.
आमोद कुमार (बदला हुआ नाम) दादरी की एक लोकल कंपनी में मशीन ऑपरेटर का काम करता है. एक दिन उसका दाहिना हाथ मशीन में फंस गया और पूरी तरह कुचल गया, उंगलियां कटकर हाथों से अलग हो गईं. मरीज को यथार्थ अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया, उस वक्त बहुत खून बह रहा था, उंगलियां हाथ से अलग हो गई थीं. यथार्थ में आने पर आमोद की हालत काफी गंभीर थी, ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो रही थी. हाथ की हड्डियों में फ्रैक्चर हो गया था और ब्लड की सप्लाई खत्म हो चुकी थी, क्योंकि हाथ की मांसपेशियां और नसें भी डैमेज हो चुकी थीं. ज्यादा ब्लीडिंग के चलते मरीज को एक घंटे के अंदर आगे की प्रक्रिया के लिए ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया. प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर पार्थ प्रतिम और उनकी टीम ने तुरंत इस मामले को देखा. हॉस्पिटल में प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर पार्थ प्रतिम ने इस चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया के बारे में बताया, ”काफी खून बहने के बीच मरीज को गंभीर स्थिति में लाया गया था और अस्पताल पहुंचने में अगर थोड़ी भी देरी होती उसका दाहिना हाथ खोना पड़ सकता था. सौभाग्य से इमरजेंसी टीम, एनेस्थीसिया, ऑर्थोपेडिक और प्लास्टिक सर्जरी की मल्टी डिसिप्लिनरी टीम ने प्रक्रिया शुरू की. बांह से मशीन को सावधानीपूर्वक हटाने के बाद, टेंडन और नसों की रिपेयरिंग की गई, जिससे ब्लड सप्लाई ठीक हो गई. दुर्भाग्य से ज्यादा डैमेज के कारण तर्जनी उंगली को फिर से प्रत्यारोपित नहीं किया जा सका. ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत ठीक है, ब्लड सप्लाई अच्छी है और हाथ का मूवमेंट नॉर्मल है.”
मरीज ने डाक्टरों का किया शुक्रिया अदा
सफल सर्जरी के बाद अस्पताल के कर्मचारियों और पूरी मेडिकल टीम को धन्यवाद देते हुए आमोद कुमार ने कहा, ”मैं यथार्थ अस्पताल के डॉक्टरों का बहुत शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरा दाहिना हाथ बचाया और मुझे जीवित रहने की उम्मीद दी. हादसे के समय मैं शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत परेशानी में था, मुझे लग रहा था मैं कभी भी अपना दाहिना हाथ वापस नहीं पा सकूंगा. लेकिन बिना किसी परेशानी के डॉक्टरों ने सर्जरी करने और मेरे हाथ को ठीक करने के लिए पूरी रात लगा दी. कुछ ही हफ्तों में आमोद कुमार काम पर लौटने में सक्षम हो जाएंगे और अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकेंगे.
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