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Saturday, December 28, 2024
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इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के विशेषज्ञों ने सम्मेलन को किया आयोजित

इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के विशेषज्ञों ने सम्मेलन को किया आयोजित

-प्लास्टिक सर्जरी और आर्थोपेडिक सर्जरी में आधुनिक तकनीकों पर हुई चर्चा

लोकतंत्र भास्कर

मेरठ। देश भर के लोगों को आधुनिक उपचार उपलब्ध कराने की अपोलो की प्रतिबद्धता के तहत इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स नई दिल्ली ने सहारनपुर में एक सम्मेलन का आयोजन किया, जहां प्लास्टिक सर्जरी की आधुनिक तकनीकों और आर्थोपेडिक्स में हुई प्रगति पर रोशनी डाली गई।

सम्मेलन का नेतृत्व डॉ. कुलदीप सिंह (सीनियर कन्सलटेन्ट, प्लास्टिक एवं रीकस्ट्रक्टिव सर्जरी, इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्प्टिल्स) और डॉ. यतिन्दर खरबंदा (सीनियर कन्सलटेन्ट, आर्थोपेडिक्स एवं जॉइन्ट रिप्लेसमेन्ट सर्जरी, अपोलो हॉस्पिटल्स) ने किया। भारत में बढ़ती आय और जागरुकता के मद्देनज़र सम्मेलन का उद्देश्य रीकन्स्ट्रक्टिव एवं एस्थेटिक प्रक्रियाओं के विकास की क्षमता और आर्थोपेडिक्स सर्जरी की आधुनिक तकनीकों पर रोशनी डालना था। डॉ. कुलदीप सिंह ने प्लास्टिक एवं रीकस्ट्रक्टिव सर्जरी की आधुनिक तकनीकों और मरीज़ पर इनके बदलावकारी परिणामों की बात करते हुए इस क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में बताया। उन्होंने विशेषज्ञ सर्जनों द्वारा अपनाए जाने वाले नैतिक मानकों, सुरक्षा नियमों, आधुनिक तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी। डॉ. यतिन्दर खरबंदा ने घुटनों के आर्थाइटिस पर बात करते हुए कहा कि ऐसे ज़्यादातर मामलों का प्रबन्धन वज़न कम कर मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम एवं सक्रिय जीवनशैली अपनाकर किया जा सकता है। गंभीर मामलों में समय रहते हाफ या फुल जॉइन्ट रिप्लेसमेन्ट (आंशिक या पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण) (पारम्परिक या रोबोटिक तरीकों से) करना चाहिए, ताकि मरीज़ बिना दर्द के आराम से अपने रोज़मर्रा के काम कर सके और सक्रिय जीवन जी सके।

कॉस्मेटिक सर्जरी के बारे में बताते हुए डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा, हमें गर्व है कि हम एस्थेटिक ब्यूटी प्रक्रियाओं में मरीज़ों को सबसे आधुनिक और मिनिमल इनेवेसिव तकनीकें उपलब्ध करा रहे हैं। हल्का टचअप हो या बड़ा रीकस्ट्रक्शन, हम आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए नैतिकता एवं सुरक्षा का अनुपालन करते हैं। हम चाहते हैं कि हर मरीज़ न सिर्फ खूबसूरत दिखे बल्कि उनका आत्मविश्वास भी लौट आए। डॉ. यतिन्दर खरबंदा ने कहा, दुनिया भर में लाखों लोग घुटनों के आथ्राइटिस से पीड़ित हैं। हालांकि बहुत से लोगों को वज़न कम करने, व्यायाम एवं सक्रिय जीवनशैली अपनाने से फायदा मिलता है। जिन लोगों को सर्जरी की ज़रूरत होती है, उन्हें दर्द से राहत पाने के लिए समय पर इलाज कराना चाहिए।

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