स्मैक तस्कर से भुता पुलिस को दोस्ती पड़ी भारी, एसएसपी ने की बड़ी कार्रवाई, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप.. पढ़िए पूरी खबर आखिर…..
बरेली। उत्तर प्रदेश जनपद बरेली के थाना फतेहगंज पश्चिमी के चर्चित स्मैक तस्कर शाहिद उर्फ कल्लू डॉन से दोस्ती निभाने में एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने दरोगा समेत पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। तस्कर कल्लू के पुलिस विभाग में गहरे ताल्लुकात थे। अगर पुलिस टीम कल्लू तस्कर के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने का प्रयास करती थी तो कल्लू को उसका पहले ही पता चल जाता था और वह मौके से फरार होने में कामयाब हो जाता था जिसकी वजह थी कि पुलिस जीप के ड्राइवर से लेकर दरोगा और एलआईयू वाले तक उसके दोस्त थे। सर्विलांस व अन्य साक्ष्यों के आधार पर हुई जांच के बाद एसएसपी ने दरोगा सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
कल्लू डॉन के खिलाफ एक मामला वर्ष 2021 में भुता थाने में दर्ज किया गया था। शाकिर, नसीम, सलीम को स्मैक समेत पकड़ा गया था। इनमें से एक ने कबूला था कि वह कल्लू से स्मैक लेकर आया है। एनडीपीएस एक्ट के केस में पुलिस ने कल्लू को काफी समय तक गिरफ्तार ही नहीं किया तो वह खुद कोर्ट में हाजिर होकर जेल चला गया। सबसे बड़ी बात सामने निकल कर आई कि भुता थाने के दरोगा अपसार मियां ने बिना साक्ष्य जुटाए ही कल्लू के खिलाफ हल्का आरोप दिखाकर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी।जब एसपी देहात को दरोगा की कार्यवाही पर शक हुआ तो उन्होंने दरोगा को निर्देश दिए थे कि आरोपी को रिमांड पर लेकर साक्ष्य मजबूत किए जाएं। बाद में दूसरे दरोगा को विवेचना दी गई।
पुलिस कल्लू तस्कर को रिमांड पर तो लिया लेकिन कुछ बरामदगी नहीं दिखा सके। उसी वक्त एसएसपी ने सीओ फरीदपुर को विभागीय जांच के आदेश दे दिए थे। एसपी देहात इसकी निगरानी कर रहे थे। लेकिन अब पता चला कि अपसार मियां, भुता थाने के ड्राइवर मुख्य आरक्षी सुरेंद्र सिंह और फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र की जिम्मेदारी देख रहे एलआईयू के मुख्य आरक्षी रजबुल हुसैन भी कल्लू तस्कर को बचाने में सहयोगी निकले। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सभी चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
सर्विलांस टीम ने खोला पुलिस का कल्लू तस्कर से कनेक्शन का खेल
कल्लू से दोस्ती निभाने वाले दरोगा ने विवेचना में हर कदम पर उसका बचाव किया। इसके बदले कल्लू इन पर खूब पैसा खर्च करता था। इसके साथ ही ड्राइवर सुरेंद्र सिंह पुलिस की दबिश से पहले ही सूचना दे देता था। एलआईयू का दीवान रजबुल फतेहगंज पश्चिमी से लेकर भुता तक की गोपनीय सूचनाएं देने और पुलिस से सेटिंग कराने में मदद करता था।
सर्विलांस कॉल और मेसेज के जरिये इन संबंधों की पुष्टि हुई। दरअसल कल्लू का मोबाइल देखने के बाद पुलिस को इस जुड़ाव का अहसास हो गया था। बाद में इन आरोपों की तस्दीक कर ली गई। कल्लू ने जब कोर्ट में सरेंडर कर दिया तो ये लोग उसके भांजे व रिश्तेदारों के संपर्क में आ गए थे। उन्हें कानूनी बचाव की सलाह देकर तरीके बताते थे। उनकी कॉल भी ट्रेस कर ली गईं।
प्रशासन कल्लू तस्कर की नौ करोड़ की संपत्ति कर चुका है सील
कल्लू पर करीब एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। पिछले साल कल्लू की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया गया था। उसकी करीब नौ करोड़ की संपत्ति सील कर दी गई। कल्लू की पत्नी इमराना बेगम फिलहाल फतेहगंज पश्चिमी नगर पंचायत की अध्यक्ष हैं।
शाहिद उर्फ कल्लू पर कई मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई हो चुकी है। फिलहाल वह जेल में है। कल्लू की मदद करने वालों में तीन पुलिसकर्मी चिह्नित कर कार्रवाई की गई है। पुलिस कर्मियों को अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग रहना चाहिए। वरना उन पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रभाकर चौधरी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरेली
- Advertisement -