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Friday, November 1, 2024
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रोडवेज बस स्टॉप न होने से बारिश में भीगने को मजबूर यात्री

उन्नाव। लखनऊ – कानपुर हाइवे के स्थित लखनऊ बाईपास के अन्नपूर्णा मंदिर के पास बारिश के मौसम में यात्रियों को बचाव के लिए और न ही ठहरने की व्यवस्था हैं। यात्री बारिश के मौसम में भीगने को मजबूर हैं। यात्रियों को हाइवे के किनारे लगी दुकानों के पास तिरपाल के नीचे छुपने हुए, बस का इंतजार करते है। हाइवे के दोनों तरफ यात्रियों के लिए बस स्टॉप की सुविधा नहीं है। राहगीर सड़क किनारे खड़े होकर खुले आसमान के नीचे बारिश ठंड और गर्मी तीनों मौसमों रोडवेज बस का इंतजार करते हैं। बस स्टॉप करीब तीन किमी दूर शहर के अंदर बना हुआ है। हाईवे के दोनों तरफ किनारे लखनऊ बाईपास पर बसे रूकती है। जब कि नौकरीपेसे के लोग आवागमन करते हैं। जिससे रोज निजी व रोडवेज बसें लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर सहित सैकड़ों बड़े शहरों के लिये बसे यात्रियों को आसानी से मिल जाती हैं। यात्रियों की माने तो बसे रुकती भी है। 30 लाख से अधिक आबादी के जिले में रोज हजारों यात्री आकर लखनऊ बाईपास के सामने हाईवे पर बसों का किनारे खड़े होकर घंटों का इंतजार करते है।

 

लखनऊ – कानपुर हाइवे पर दीनदयाल स्टेडियम के पास एक छोटा सा यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण शुरू हुआ था। लेकिन कार्यदाई संस्था की लापरवाही के चलते निर्माण अधूरा पड़ा है। यह हाईवे कानपुर, एटा, मैंनपुरी, कानपुर देहात, वहीं लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, गोंडा औऱ गोरखपुर सहित कई बड़े जिलों को जोड़ता है। रोडवेज बस से लोग यात्रा करते हैं। इसके बावजूद अभी तक इस हाईवे पर सैकड़ो रोडवेज व निजी बसों का संचालन हो रहा है। लेकिन इस बारिश के मौसम में यात्रियों व राहगीरों को लखनऊ कानपुर बाईपास अन्नपूर्णा मंदिर के सामने यात्रियों के लिए यात्री प्रतीक्षालय न बना होने से राहगीरों व यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं यात्रियों को कहना है कि जिम्मेदार कार्यदाई संस्था के अधिकारी की लापरवाही का नतीजा भुगतना पड़ रहा हैं। एक ओर अधूरा पड़ा यात्री प्रतीक्षालय बन जाये तो भीगना नही पड़ेगा। हाइवे के किनारे खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं है।

 

क्या बोले जिम्मेदार……

जीएस एक्सप्रेस कम्पनी के इंजीनियर अभय यादव ने बताया की अधूरे पड़े यात्री प्रतीक्षालय का कार्य जल्द पूरा कराया जायेगा। जिससे यात्रियों को समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा।

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