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Friday, December 27, 2024
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सगे भाई ने किया था सुनीता मिश्रा हत्याकांड, गिरफ्तार

सगे भाई ने किया था सुनीता मिश्रा हत्याकांड, गिरफ्तार

लोकतंत्र भास्कर

मेरठ। स्वाट टीम ने थाना क्षेत्र ब्रह्मपुरी के अन्तर्गत हुए सुनीता मिश्रा हत्याकांड का खुलासा कर दिया। हत्या मृतका के सगे छोटे भाई ने की। जिसने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।

गौरतलब है कि 21/22 जून की रात को राधेश्याम मिश्रा की पत्नी सुनीता मिश्रा की हत्या कर दी गई थी, जिसका मुकदमा थाना ब्रह्मपुरी में दर्ज कराया गया था। मुखबिर की सूचना पर स्वाट टीम ने मृतका सुनीता के सगे छोटे भाई उपेन्द्र कुमार मिश्रा को मय बरामदगी के गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार उपेन्द्र कुमार मिश्रा को न्यायालय प्रस्तुत किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अभियुक्त से पूछताछ की गयी तो उसने अपने जुर्म का इकबाल करते हुए बताया कि मैं सेना में नौकरी करता था। नौकरी छोड़ने के बाद बसंतकुंज (DLF- MALL) में प्राईवेट नौकरी करता था। मेरा मेरठ में अपनी बडी बहन सुनीता मिश्रा के घर में आना जाना था, मेरी भांजी ने मोहल्ले के विकास नाम के लडके से प्रेम-विवाह कर लिया था। इस बात को लेकर मेरी बहन मुझे दोषी मानती थी और ताने देती थी, क्योंकि लगभग 02 वर्ष पूर्व जब मैं अपनी भांजी को सुल्तानपुर से मेरठ लेकर आ रहा था तो बरेली के पास मेरी भांजी आशी ट्रेन से उतरकर भाग गयी और विकाश से शादी कर ली थी। इस बात को लेकर हमेशा मुझे ही दोषी माना जाता था। इधर कुछ दिनों से मै आर्थिक तंगी में चल रहा था, मैंने अपने जीजा राधेश्याम मिश्रा से कुछ पैसे मांगे थे पर उन्होनें देने से मना कर दिया था।

घटना वाले दिन करीब शाम को 06.00 बजे मैंने फोन पर अपनी बहन सुनीता से बातचीत की तो वह मुझे फोन पर ही उल्टा सीधा कहने लगी, तब मैने उससे कहा की मै आ रहा हूँ, मिलकर बात करते है और मैंने इस मामले को आज समाप्त करने का निश्चय कर लिया था। आन्नद बिहार से मै बस से मेरठ आ गया और ऑटो से गली में पंहुचकर एक पत्थर उठाकर अपने पास पहले से ही रख लिया था। फिर मैंने दरवाजे की घण्टी बजायी, मुझे पहचानकर उसने दरवाजा खोल दिया। मै घर के अन्दर आने के बाद मैने अपनी बहन के सर पर पत्थर से वार कर दिया, वह वंही पर गिर गयी थी, मै उसे उठाकर अन्दर कमरे में ले जाकर बेड पर लिटा दिया था, वह बेहोश हो गयी थी, फिर अलमारी से मुझे मेरे जीजा की लाईसेंसी रिवाल्वर व कुछ आभूषण व नगद पैसे मिले थे, जिसे मैंने अपने पास रख लिया तथा मैंने उसी रिवाल्वर से बेहोशी की हालत में उसके सिर में गोली मारकर रिवाल्वर को उसके हाथ में पकडा दिया और घर मे लगा सीसीटीवी की डीवीआर निकाल ली और सुनीता का मोबाइल फोन भी मै अपने साथ ले गया, ताकि सीसीटीवी की फूटेज और मोबाइल से मेरे बारे में किसी को पता ना चल सके।

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