भीषण गर्मी में तालाब पोखर सूखने से पशु पक्षी बेहाल
लखनऊ। जेष्ठ माह की तपन पूरे सबाब पर है। आसमान से बरस रही आग से जनजीवन बेहाल है तो वहीं पशु पक्षियों की हालत भी चिंतनीय हो गई है। तालाब पोखरों के सूखने से पानी के लिए पशु पक्षी इधर उधर भटक रहे है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही पेयजल का संकट गहराने लगा है। गौरतलब है। कि विकासखंड मलिहाबाद के कई ग्राम सभाओं में मनरेगा द्वारा खुलवाए गए तालाबों में पानी नहीं है। गर्मी अपने चरम पर है ऐसे में पशु पक्षियों और जंगली जानवरों के सामने पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है। मलिहाबाद की पड़ताल में अधिकांश तालाब पोखर सूखे हुए है। कहीं-कहीं तो तालाब में धूल उड़ती नजर आती है, तो कहीं कहीं जंगल झाड़ियां नजर आ रही हैं। तालाबों के सूखे होने से जंगली जानवर व पशु पक्षी पानी के लिए तरस रहे है।
पहले लोग ट्यूबवेल के सहारे जानवरों के पीने के लिए गड्ढों और तालाबों में पानी भरा देते थे। लेकिन अब गांवों और कस्बों में घूम रहे निराश्रित पशुओं के लिए पेयजल की समस्या और भी बढ़ गई है। लेकिन अब डीजल की मंहगाई से गड्ढों में पानी भराने से लोग बच रहे हैं।
सूख गए मनरेगा से खोदे गए तालाब
दरअसल, लाखों रुपये खर्च कर मनरेगा योजना से खोदे गए तालाबों में मार्च में पानी सूख गया है। अब वहां झाड़ियां नजर आ रही हैं। पशु पक्षी भी तालाबों के पानी से प्यास बुझाते थे, लेकिन तालाब की खुदाई करने के बाद तालाब उबड़-खाबड़ हो गए है अथवा पानी सूख गया। तालाबों में पानी ना होने के कारण जंगली जानवर पानी के लिए आबादी में दिक्कत दे रहे हैं।
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