श्रवण ही हमें भगवान से प्रेम करना सिखाता है: आचार्य निनय शास्त्री
श्रवण ही हमें भगवान से प्रेम करना सिखाता है: आचार्य निनय शास्त्री
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। आभा मानव मंदिर वरिष्ठ नागरिक सेवा सदन में श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ को दूसरे दिन की कथा कहीं गई। आचार्य विनय शास्त्री ने बताया कि शुकदेव राजा परीक्षित के पास पधारे और उन्होंने परीक्षित को कथा श्रवण कराई। ऋषि कपिल देव का जन्म, कपिल देव द्वारा अपनी माता को ज्ञान, शिव सती विवाह, माता सती द्वारा वन में सीता मैया की खोज में लीन श्री राम की परीक्षा लेना और माता सती का देह त्याग आदि लीलाओं का वर्णन किया गया।
उन्होंने कहा कि श्री हरि की कथा श्रवण की इतनी महिमा है कि इससे हमारा मन निश्चल एवं पवित्र होकर श्री हरि चरणों में लग जाता हैं। भगवान की दिव्य लीलाओं का वर्णन एवं श्रवण ही हमें भगवान से प्रेम करना सिखाता है। हमारी आत्मा की तृप्ति श्री राम, श्री कृष्णा, श्री राधा आदि भगवान के पवित्र नाम का जाप एवं उच्चारण द्वारा ही होती है। भगवान नाम में इतनी शक्ति होती है कि यह मनुष्य की कुंडली के समस्त विपरीत ग्रहों के प्रभाव को भी खत्म कर देती है। हमारा मन, हमारी आत्मा ऐसी ठोर देखती है, जहां उसे शांति मिले और हरी नाम के सिवा जगत में ऐसा कोई नहीं जहां हमारा मन को शांति मिले। सभी ने श्री राधे कृष्णा के दिव्या भजनों को आनंद लिया और भाव विभोर होकर कथा श्रवण की।
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