भूमि संरक्षण विभाग का मामला:घपलेबाजों पर कार्रवाई के लिए जल्द कमिश्नर से मिलेगी भाकियू
भ्रष्टाचार में घिरे बाबू और अफसर को हटाने के लिए भाकियू (शंकर) ने 13 फरवरी को किया था धरना प्रदर्शन
बरेली। भूमि संरक्षण विभाग के भ्रष्टाचार में घिरे बाबू और अफसर पर कार्रवाई के लिए भारतीय किसान यूनियन शंकर के पदाधिकारी जल्द ही कमिश्नर से मिलेंगे। उस मुलाकात में भूमि संरक्षण विभाग में तीन साल से अधिक समय से बरेली में जमे ईमानदार अफसर को हटाने की मांग जोरदार तरीके से रखी जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन (शंकर) ने बीती 13 फरवरी को भूमि संरक्षण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में धरना प्रदर्शन किया था। इसमें बरेली के ब्लॉक आलमपुर जाफराबाद और मझगवां के 104 गांवों में संचालित डब्ल्यूडीसी और पंडित दीनदयाल किसान समृद्धि योजना में हुए कच्चे और पक्के कामों के स्पेशल ऑडिट की मांग की गई थी। भारतीय किसान यूनियन ने उस धरना प्रदर्शन में भूमि संरक्षण विभाग में खुद ही ईमानदारी का ढिढोरा पीटने वाले एक अफसर को महाभ्रष्ट बताकर बरेली से हटाने की मांग रखी थी।
एडिशनल कमिश्नर को इस मामले मे भारतीय किसान यूनियन शंकर की ओर से ज्ञापन सौंपा गया था। तब अधिकारियों ने भाकियू पदाधिकारियों को आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों पर तीन दिन में कार्रवाई होगी। मगर, इस मामले मे पांच दिन बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस वजह से भाकियू कार्यकर्ता नाराज हैं। भारतीय किसान यूनियन शंकर के जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह ने बताया कि उनके ज्ञापन देने के पांच दिन बाद भी अब तक प्रशासन ने भ्रष्टाचार में घिरे अफसरों पर ठोस कार्रवाई नहीं की। इसलिए भाकियू के पदाधिकारी जल्द ही मंडल आयुक्त सौम्या अग्रवाल से मिलेंगे।
अगर प्रशासन ने घपलेबाज अफसर और कर्मचारियों पर ठोस कार्रवाई नहीं की तो इस मामले में भाकियू पदाधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ जाकर मिलेंगे। सीएम के सामने भ्रष्ट बाबू और अफसरों का कच्चा चिट्ठा रखा जाएगा।
कमिश्नर ने दिए हैं जांच के आदेश
भारतीय किसान यूनियन शंकर के ज्ञापन पर कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने जांच के आदेश दिए हैं। भूमि संरक्षण विभाग के घपले की जांच कृषि विभाग के एक सीनियर अफसर को मिली है। सूत्रों के अनुसार जांच अधिकारी भूमि संरक्षण विभाग के घपले से जुड़े तथ्य जुटा रहे हैं। जल्द ही जांच रिपोर्ट मंडल आयुक्त को सौंपी जाएगी।
बरेली में हो चुके हैं चार साल, चुनाव आयोग से भी शिकायत
भारतीय किसान यूनियन शंकर के पदाधिकारियों का आरोप है कि भूमि संरक्षण विभाग के अफसर संजय कुमार अपनी इमानदारी का ढिंढोरा हर जगह पीटते हैं लेकिन वह महाभ्रष्ट हैं। इनके स्टॉफ के कर्मचारी इनकी ईमानदारी के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। बरेली में इनको चार साल हो चुके हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। प्रत्येक जिले में तीन साल से जमे हुए अफसर हटाए जा रहे हैं तो भूमि संरक्षण विभाग के अफ़सर को क्यों नहीं हटाया जा रहा है। ये ऊपरी कमाई न होने पर अपने सत्यापन में पात्रों को अपात्र घोषित कर देते हैं। भाकियू पदाधिकारियों के अनुसार तीन साल से अधिक समय होने के बाद भी ट्रांसफर न होने की शिकायत चुनाव आयोग से की जायेगी।
सत्यापन में पहले अपात्र, सिस्टम में फिट होने पर हो जाता है पात्र
भारतीय किसान यूनियन शंकर के जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह ने बताया कि भूमि संरक्षण अधिकारी के पास लखनऊ निदेशालय की मेहरबानी से भूमि संरक्षण अधिकारी के अलावा, मृदा परीक्षण, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी नवाबगंज, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी फरीदपुर एक साथ पांच चार्ज हैं। सूत्रों के अनुसार यह एक जिला स्तरीय अधिकारी को हटाकर एक और चार्ज लेने के लिए लखनऊ में सेटिंग बिठाने में लगे हैं। प्रत्येक चार्ज पर मोटी कमाई हो रही है। फिर भी विकास भवन में कृषि रक्षा विभाग के एक भ्रष्ट बाबू के जरिए दलालों के माध्यम से खुद को सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र से भी ज्यादा ईमानदार साबित करने में जुटे हैं। कृषि यंत्रों के सत्यापन में इन्होने मीरगंज के गांव बोहित निवासी किसान को अपात्र घोषित कर दिया था। शासन में शिकायत के बाद तत्कालीन डीडी कृषि की कमेटी ने उस किसान को पात्र घोषित किया। इतना ही नहीं, इन ईमानदार अफसर ने बहेड़ी में पति पत्नी को पात्र घोषित कर सरकार की दोहरी सब्सिडी दिलवा दी। प्रशासनिक जांच में तत्कालीन मनरेगा समन्वयक गंगाराम ने इस मामले इनको दोषी ठहराया था। ये जांच रिपोर्ट अब भी दबी पड़ी है।
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