शिक्षाविद् रतन लाल शर्मा का देहावसान
-सूरजकुंड पर गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
लोकतंत्र भास्कर
मेरठ। चौधरी प्रेमनाथ सिंह केवी इंटर कालेज माछरा के सेवानिवृत्त शिक्षक रतनलाल शर्मा नहीं रहें। बुधवार सवेरे गंगानगर स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 90 वर्ष के थे। दोपहर बाद सूरजकुंड पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
रतन लाल शर्मा पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। बुधवार को गंगानगर में अपने आवास के-268/6 पर अचानक स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन की सूचना से शोक छा गया। बड़ी संख्या में लोगों ने उनके आवास पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त कीं। बाद में सूरजकुंड पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उठावनी नौ फरवरी को होगी। रतन लाल शर्मा अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़कर गए हैं। उनके तीन पुत्र जितेंद्र नाथ शर्मा, मनोज कौशिक व डा. संजीव कौशिक के अलावा पौत्र अश्वनी शर्मा, ध्रुव गौर, विश्वम गौर और नाती हिमांशी शर्मा सहित भरा पूरा परिवार है।
अधिकांश व्यक्तियों के लिए शिक्षा देना एक व्यवसाय अथवा जीविकोपार्जन का एक साधन हो सकता है, किन्तु शिक्षक बिरादरी में कुछ ऐसे व्यक्ति भी हैं, जिन्होंने इसे एक चुनौती एवं मिशन के रूप में लिया है। उन्होंने अन्य शिक्षकों के सामने एक अनुकरणीय आदर्श स्थापित किया है। रतन लाल शर्मा एक ऐसे ही आदर्श शिक्षक थे। वह अपनी वेशभूषा, दिनचर्या, व्यवहार एवं विचारों के कारण हमेशा सबके आदरणीय रहे। उन्होंने दशकों तक माछरा में चौ. प्रेमनाथ सिंह केवी इन्टर कालेज में अध्यापन किया। शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली विकृतियों से वह सदैव चिन्तित रहते थे।