भारतीय किसान यूनियन (शंकर) ने कृषि विभाग के भ्रष्ट्राचार के विरुद्ध खोला मोर्चा, सीएम को ज्ञापन
मझगवां (आंवला) समेत कई ब्लाकों में फर्जी कलस्टर प्रदर्शन का आरोप,
असली किसान दरकिनार, भूमिहीन और अपात्रों को मिले, बीज और कृषि यंत्र
डीडीपुरम पेट्रोल पंप से फर्जी बिल काटकर करोड़ो का बजट लगा ठिकाने
बरेली। फर्जी कलस्टर प्रदर्शन, अपात्रों को कृषि यंत्र वितरण और सरकारी योजनाओं की सब्सिडी व प्रचार प्रसार की रकम में बड़े स्तर पर हुए घपले के विरोध में भाकियू (शंकर) ने कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी अफ़सर और बाबुओं पर कार्रवाई की मांग की गई।
सीएम को भेजे ज्ञापन में भाकियू प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश कुमार, प्रताप सिंह, चौधरी दिवाकर सिंह समेत अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि डिप्टी डायरेक्टर कृषि के कार्यालय में दो दशक से जमे बाबुओं, पांच साल से जमे जिला कृषि अधिकारी समेत कर्मचारियों का स्टॉफ किसानों की आय दो गुनी करने वाली आत्मा योजना, खाद बीज सब्सिडी, किसान पाठशाला, कृषि मेला, किसान गोष्ठी, कृषि सूचना तंत्र, एनएफएसएम, सीडीपी, कृषि यंत्रीकरण समेत प्रचार प्रसार के लिए मिलने वाले सरकारी बजट में करोड़ों रुपए का गोलमाल कर चुका है। यह घपला अब भी जारी है। किसान यूनियन पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि जिला कृषि अधिकारी धीरेन्द्र चौधरी निदेशालय लखनऊ की सांठ गांठ से पांच साल से बरेली में ही जमे हुए हैं। उनके पास डिप्टी डायरेक्टर कृषि का भी कुछ समय चार्ज रहा तो उन्होने स्वयं अपने नाम के अलावा पीपीओ, गोदाम इंचार्ज और बाबुओं के खाते में कृषि योजनाओं को करोड़ों की रकम सीधे ट्रांसफर करा ली। तमाम जांचें भी हुईं लेकिन उन जांच टीमों ने भ्रष्ट बाबू और अफसरों से मोटी रकम लेकर कार्य नियमानुसार पाया गया, की रिपोर्ट लगा दी।
किसान यूनियन के अनुसार वर्ष 2023/24 में बरेली के ब्लॉक मझगवा, आलमपुर जाफराबाद, भोजीपुरा बहेड़ी समेत अन्य ब्लॉकों के गांवों में धान, मटर और मसूर समेत विभिन्न बीजों के वितरण के लिए फर्जी कलस्टर प्रदर्शन किए गए। ब्लॉक मझगवां के गांव ढकनी, बीवनी, चीरपुर, खेलम, गैनी, मिडोली, खनगवां आदि में हुए कलस्टर प्रदर्शन में ऐसे किसानों को मसूर और धान का बीज मिला, जो भूमिहीन हैं। या फिर उनके पास दो बीघा जमीन भी नहीं है। भाकियू पदाधिकारियों का आरोप है कि कृषि विभाग के बाबुओं ने फर्जी कलस्टर प्रदर्शन कराकर उन्नतशील बीज खुले बाज़ार में दुकानदारों को महंगे दामों पर बेच दिया। असली किसान सरकारी बीज पाने से वंचित रह गए। इसका असर उपज पर पड़ा है।
फर्जी रसीद बुक छपवाकर रिश्तेदारों की फर्म के नाम काटे बिल भारतीय किसान यूनियन (शंकर) ने सीएम के नाम भेजे ज्ञापन में कहा कि डिप्टी डायरेक्टर कृषि के कार्यालय में दो दशक से तैनात भ्रष्ट बाबुओं ने कृषि गोष्ठी, किसान पाठशाला, फर्जी कलस्टर प्रदर्शन, कृषि सूचना तंत्र, आत्मा योजना, एनएफएसएम, सीडीपी, कृषि यंत्रीकरण आदि में अपने रिश्तेदारों के नाम से बनी फर्म मां जगदंबा, जय हनुमान और जय बजरंगबली में करोडों रूपए ऑनलाइन भुगतान करके बंदरबांट कर लिया। डिप्टी डायरेक्टर कृषि कार्यालय के बाबू बीते छह साल से अपनी फर्में विभिन्न नामों से बनाकर कृषि योजनाओं में हर साल मिलने वाले करोडों रूपए के बजट को ठिकाने लगाते आ रहे हैं। जब भी इनकी जांच होती है तो उन टीमों के मेंबर भी मोटी रकम लेकर कार्य नियमानुसार पाया गया की रिपोर्ट लगा देते हैं। भ्रष्ट बाबू और अफसरों का कुछ नहीं बिगड़ता। भाकियू ने कृषि विभाग के भ्रष्टाचार की जांच विभागीय न कराकर उच्च स्तरीय ईमानदार अधिकारियों की टीम से कराने की मांग सीएम से की है।
घबराते क्यों हो, लखनऊ में अपने लोग बैठे हैं..
भाकियू प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि कृषि विभाग के एक जिला स्तरीय अधिकारी ने अपने ही विभाग के नए पद भार सम्हालने वाले उच्च आधिकारी से कहा कि घबराते क्यों हो। बरेली बहुत कमाई वाली जगह है। मै पांच साल रहकर करोड़ों रुपए कमा चुका हूं। आप भी खूब उपरी कमाई करो और निकल लो। कोई दिक्कत आए तो हमे बताना। चिंता मत करो। लखनऊ निदेशालय में अपना व्यक्ति बैठा है। जांच में भी कुछ नहीं होगा। मै सब सम्हाल लूंगा। कृषि विभाग में बरसों से ऐसे ही चलता रहा है।
बाबू ने हथिया ली डीडीपुरम पेट्रोल पंप की रसीद बुक