हरियाली को उजाड़ने में लगे लकड़ी माफिया, जिम्मेदार बने अनजान
लखनऊ। वन विभाग की सांठगांठ से वन माफियाओं ने तीन अलग-अलग स्थानों पर करीब दो दर्जन से अधिक आम व नीम के हरे भरे पेड़ों पर आरा चलाकर धराशाही कर दिया। लगातार हो रही क्षेत्र मे अवैध कटान से पर्यावरण खतरा मंडराने लगा है।
सरकार लगातार पर्यावरण संरक्षण के लिये करोड़ों रूपयों की लागत से गांवों मे वृक्षारोपण कर रही है। लेकिन सरकार के मंसूबों पर वन विभाग की टीम पानी फेरती नजर आ रही है। ऐसा रहा तो जल्द ही फलपट्टी क्षेत्र रेगिस्तान में हो जाएगा तब्दील शुक्रवार को रहीमाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम बेलवा में एक नीम व आम के बाग मे वन विभाग की सांठगांठ से वन माफिया ने आम के हरे भरे करीब एक दर्जन पेड़ों पर आरा चलाकर धराशाही कर दिया। इसी क्रम में मलिहाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम घुसौली में पंचायत भवन के पीछे व हटौली में नहर के किनारे एक दर्जन से अधिक पेड़ों पर खुलेआम आरा चलाकर धराशाही कर दिया गया।
सरकार वृक्षारोपण कर पेड़ लगवाने का काम कर रही है। वहीं दूसरी तरफ वन विभाग के अधिकारी उन्हीं पेडों पर आरा चलवाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिससे क्षेत्र की हरियाली सहित पर्यावरण खतरे मे जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अवैध लकड़ी माफिया तड़के लकडी कटान जारी कर देते हैं। जो सुबह करीब 9 बजे तक चलता है। अवैध कटान को छिपाने के लिये ठेकेदार ठूंठों को तक खुदवा देते हैं। इसी तरह घुसौली पंचायत भवन के पीछे से कई ठूंठों को जेसीबी के माध्यम से खुदवा कर गायब करा दिया गया।
जब कभी भी वन विभाग को सूचना दी जाती है, तो अधिकारी एक-दो पेडों का जुर्माना कर अवैध कटान को बढ़ावा दे देते हैं। अगर ऐसा ही होता रहा तो कुछ दिनों मे ही क्षेत्र रेगिस्तान बन जायेगा। इस सम्बन्ध मे जब वन रेंजर से जानकारी करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।
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