उसावां में धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण छठी का कार्यक्रम
बदायूं/उसावां। नगर में मेन बाजार के बीचों बीच स्थित बाबा लक्कड दास खाटू श्याम शिव मंदिर पर भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के बाद छठी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण की छठी मनाई और प्रसाद के रूप में कढ़ी-भात का व्यंजन बनाया गया। महिलाओं ने जहां सोहवर गाये तो पुरुषों ने भगवान की आरती उतारी। इसके बाद भगवान को कढ़ी-भात प्रसाद का भोग लगाया साथ-ही-देर रात तक श्री कृष्ण की छठी का पर्व मनाया गया।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मंगलवार को नगर के मंदिर मेन मार्किट में लक्कड़ दास खाटू श्याम शिव मंदिर पर भगवान के जन्मोत्सव के छठवें दिन छठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंदिर के प्रमुख प्रधान सेवादार रामगोपाल गुप्ता ने भगवान का श्रृंगार किया, इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण व राधारानी को पूड़ी पुए कड़ी भात का भोग लगाया गया। महिलाओं के साथ बच्चों ने नृत्य करते हुए सोहवर गीत गाए और भगवान को रिझाया। प्रसाद के रूप में कढ़ी-भात का वितरण किया, जिसे भक्तों ने चाव से खाया।
देर रात तक भगवान की छठी का आयोजन चलता रहा। प्रमुख सेवादार रामगोपाल गुप्ता ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया था। इसके छठवें दिन समस्त गोकुल में नंद बाबा के घर पर छठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। तब से भगवान की छठी मनाने का विधान है। हर साल लक्कड़ दास खाटू श्याम शिव मंदिर पर भगवान की छठी कार्यक्रम मनाया जाता है।
क्या है कृष्ण छठी का महत्व
सनातन धर्म में बच्चे की छठी का खास महत्व होता है और उसी प्रकार से कान्हा जी की भी छठी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का विधि-विधान से पूजन करते हैं और उन्हें कढ़ी-चावल का भोग लगाते हैं। कहते हैं कि यदि निसंतान दंपति छठी का पूजन करें तो उसे संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा कृष्ण छठी की पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
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