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Thursday, December 26, 2024
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उप निदेशक साहब…..अब तो रिलीव कर दीजिए जांच में फंसे बाबू शिव कुमार को

कृषि यंत्रीकरण महाघोटाले की जांच में तत्कालीन उप निदेशक सहित बाबू शिवकुमार, तकनीकी सहायक निपेंद्र कुमार पाए गए दोषी 

बाबू शिवकुमार ने स्थानांतरण के बाद भी नहीं छोड़ा चार्ज, उप निदेशक पर बना रहा है दबाव


बरेली। कृषि विभाग उप निदेशक कृषि कार्यालय में भ्रष्टाचार में लिप्त बाबू शिवकुमार को 27 दिन बीत जाने के बाद भी रिलीव नहीं किया गया। जबकि तत्कालीन जांच अधिकारी डीसी मनरेगा गंगाराम वर्मा की जांच रिपोर्ट में बाबू शिव कुमार को दोषी पाया है। इसकी जांच रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी ने कार्रवाई के लिए शासन को लिखा है। बहेड़ी विधायक अताउर रहमान एवं पूर्व ब्लाक प्रमुख आदेश सिंह यादव ने कृषि यंत्रीकरण महाघोटाले की शासन में शिकायत की थी।

शासन से शिकायत के बाद जिला अधिकारी बरेली द्वारा जांच डीसी मनरेगा एवं एसडीएम बहेड़ी को सौंपी गई। सूत्रों की माने तो भ्रष्टाचार में फंसे 20 साल से तैनात बाबू शिवकुमार कहता है की जांच में मेरा कुछ नहीं होगा ऐसी जांचे होती रहती है। साथ ही बाबू उपनिदेशक कृषि पर रिलीव न करने का दबाव लगातार बना रहा है और आने वाले समय में फिर से करोड़ों का घोटाला करने की तैयारी में है।

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दरअसल, कृषि विभाग में वर्ष 2020-21 और 21 -22 में कस्टम हायरिंग केंद्र और फार्म मशीनरी बैंक में पति-पत्नी और सगे भाइयों को योजनाओं को लाभ दे दिया गया था। योजना केवल 3 ब्लॉकों में ही सिमट के रह गई थी। सबसे बड़ी बात है कि फिर उन्हीं लाभार्थियों को कृषि विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ दे दिया था। जांच में स्पष्ट है की एक ही परिवार पति-पत्नी को लाभ दिया जाना शासनादेश के खिलाफ है। जांच में तत्कालीन उप कृषि निदेशक एवं निपेन्द्र कुमार तकनीकी सहायक भी दोषी बताए गए हैं। अब यह देखना है कि शासन कब तक कार्रवाई करता है

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